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1000 लीटर पेट्रोल, 2000 लीटर डीजल, ऊपर चल रहा था वेल्डिंग का काम… आग से मानो खेल रहा था गेम जोन

गुजरात के राजकोट में एक शॉपिंग मॉल में बने गेमिंग जोन में शनिवार शाम भीषण आग लग गई, जिसमें 12 बच्चों सहित कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई. इस भीषण घटना को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, जो सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है. जो जानकारियां सामने आ रही हैं कि उससे तो यही लगता है कि इस गेमिंग जोन के मालिकों ने सारे नियम-कानूनों को ताख पर रखा हुआ था.

शुरुआती जांच में पता चला है कि इस गेमिंग जोन के पास किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं था. फायर सेफ्टी के लिए किसी भी प्रकार की NOC लिए बिना ही गेम जोन चल रहा था. यह भी पता चला है कि इस गेमिंग जोन में करीब 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल 1500 से 2000 लीटर डीजल रखा गया था.

वेल्डिंग की चिंगारी से भड़की आग
ये डीजल जहां जेनरेटर में इस्तेमाल होना था, जबकि पेट्रोल गोकार्ट के लिए रखा गया था. वहां गेमजोन के शेड में वेल्डिंग का भी काम चल रहा था. शुरुआती जांच में पता चला है कि इस वेल्डिंग से निकली चिंगारी के कारण ही आग लगी और इतनी बड़ी मात्रा में मौजूद पेट्रोल-डीजल ने इसे इतना भड़का दिया.

इस कारण 35 लोगों की आग में झुलसकर मौत हो गई. आग में जलने के कारण कुछ शवों की पहचान नहीं हो पा रही है. ऐसे में DNA के आधार पर शवों की पहचान की जाएगी और इसके लिए मृतकों के परिजनों का DNA सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है.

मालिक-मैनेजर सहित 10 गिरफ्तार
राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है. वहीं राजकोट क्राइम ब्रांच ने इस मामले में करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें गेम जोन के तीनों मालिक युवराज सिंह सोलंकी और दो मैनेजर यज्ञेश पाठक और नितिन जैन शामिल हैं.

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस हादसे के बाद राज्य के सारे गेमिंग जोन्स को बंद करने का आदेश दिया है. उन्‍होंने कहा कि आदेश का पालन राज्य की सभी महानगरपालिका नगर पालिका, फायर ऑफिसर लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस को साथ मिलकर करना होगा. इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से मृतक के परिवारों को चार लाख और घायलों को 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई.