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गेहूं की जमाखोरी पर रोक! सरकार ने तय की स्‍टॉक लिमिट, थोक और खुदरा दोनों कारोबारियों पर होगा असर

खुदरा बाजार में गेहूं की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने अभी से सख्‍त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. जमाखोरी को लेकर बड़ा आदेश जारी किया गया है. सरकार ने थोक और खुदरा दोनों ही विक्रेताओं के लिए गेहूं की भंडारण सीमा (स्‍टॉक लिमिट) तय कर दी है. इस सीमा का उल्‍लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सोमवार को कहा, सरकार ने खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसर और बड़ी शृंखलाओं के खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा तय कर दी है. कीमतों में स्थिरता और जमाखोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. एकल खुदरा विक्रेता, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता, प्रोसेसर और थोक विक्रेता हर शुक्रवार को अपने पास भंडारित गेहूं के स्टॉक का खुलासा करेंगे.

दूर होगी गेहूं की कमी
चोपड़ा ने कहा, ‘मैं देश में गेहूं की कमी को दूर करना चाहता हूं. अभी गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध है और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. हम चाहते हैं कि गेहूं की कीमतें स्थिर रहें. देश में गेहूं की कीमत बढ़ने से खाद्य महंगाई पर असर पड़ता है, लिहाजा सरकार ने अभी से इसके लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

कितनी होगी स्‍टॉक लिमिट
सरकार की ओर से तय की गई लिमिट के तहत थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 3,000 टन होगी, जबकि प्रोसेसिंग के लिए यह प्रसंस्करण क्षमता का 70 प्रतिशत होगी. बड़ी शृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन प्रति बिक्री केन्द्र की होगी, जिसकी कुल सीमा 3,000 टन से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. एकल खुदरा व‍िक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन की होगी.

जमाखोरी पर लगेगा अंकुश
चोपड़ा ने बताया कि हाल ही में मीडिया में आई उन खबरों के मद्देनजर स्टॉक सीमा लगाई गई है, जिनमें कहा गया है कि गेहूं सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं. जमाखोरी को कम करने के लिए स्टॉक सीमा लगाई गई है. एक अप्रैल, 2023 को देश का गेहूं का शुरुआती स्टॉक 82 लाख टन था, जबकि एक अप्रैल, 2024 को यह 75 लाख टन था. पिछले साल 266 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी, जबकि इस साल सरकार ने 262 लाख टन की खरीद की है और अभी भी जारी है. लिहाजा देश में गेहूं की कमी सिर्फ तीन लाख टन की है.

सरकार बाजार में बेच रही गेहूं
किसानों से गेहूं खरीदने के साथ ही सरकार खुले बाजार में गेहूं की बिक्री भी कर रही है. खुदरा बाजार में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए यह बिक्री कर रही है. सरकार ने 2,150 रुपये प्रति क्विंटल की रियायती दर पर 101.5 लाख टन गेहूं भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से ई—नीलामी द्वारा खुले बाजार में बेचने के लिए जारी किया था. इसमें से अब तक 80.04 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बिक्री स्कीम (OMSS) के तहत प्रोसेसरों यानी आटा मिलों को बेचा जा चुका है.