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भारी बारिश से उफनाई नदी, तोड़ डाला बांध का गेट, घबरा गए लोग, ‘संकटमोचक’ शिवकुमार ने फिर संभाली कमान

कोप्पल. देशभर के कई राज्यों में इन दिनों खूब बारिश हो रही है, जिसकी वजह से कई नदियां उफान पर हैं. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लिए यह बारिश एक नई मुसीबत लेकर आई. यहां कोप्पल जिले में तुंगभद्रा नदी के तेज बहाव के कारण पंपा सागर बांध के गेट तक टूट गए. इस कारण वहां भारी मात्रा में पानी बहने लगा और बाढ़ की चिंता सताने लगी.

प्रशासन ने एक गेट को छोड़कर बाकी सभी डैम के गेट खोल दिए हैं ताकि एक गेट पर दबाव कम किया जा सके. इससे जलाशय का जलस्तर कम होगा और 19 नंबर गेट की मरम्मत का काम हो सकेगा. बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण लोगों को नदी के पास न जाने की चेतावनी दी गई है. वहीं कोप्पल के निचले इलाकों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है.

खोले गए बांध के फाटक
जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि उन्हें जलाश्य के मरम्मत कार्य के लिए बांध की कुल मौजूदा क्षमता 105 टीएमसी के मुकाबले जल स्तर को घटाकर 65 से 55 टीएमसी तक करना होगा. विभाग ने जलाश्य का मरम्मत का काम शुरू करने के लिए पांच फाटकों को छोड़कर बाकी सभी फाटक खोल दिए हैं. सूत्रों के अनुसार, बांध से अभी 89,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

शिवकुमार ने संभाली कमान
कोप्पल जिले के प्रभारी मंत्री शिवराज तंगदागी ने बांध के हालात का जायजा लेने के बाद कहा, ‘हमें बांध से कम से कम 60 से 65 टीएमसी पानी छोड़ना पड़ सकता है. 20 फुट पानी छोड़े जाने के बाद ही समस्या का समाधान हो सकता है, इसलिए बांध को खाली करना जरूरी है.’

जल संसाधन विभाग का प्रभार संभालने वाले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार स्थिति का जायजा लेने के लिए कोप्पल पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि तुंगभद्रा नदी पर पंपा सागर बांध के टूटे फाटक की मरम्मत के लिए दो कंपनियों से संपर्क किया गया है. उन्होंने कहा कि बांध के 19वें फाटक के बह जाने के बाद बांध को भारी नुकसान पहुंचने का डर था. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि बांध को क्षति पहुंचने की आशंका थी, इसलिए सभी फाटक खोल दिये गये, जिससे 38000 क्यूसेक पानी पड़ोसी राज्यों आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में छोड़ा जा रहा है.