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थोड़ा-सा गिर क्या गया ये शेयर, घात लगाए बैठे म्यूचुअल फंडों ने भर लिए बोरे, महीने भर में डाले ₹12,000 करोड़

आपने पिछले कुछ दिनों में टाटा मोटर्स के शेयरों में ठीक गिरावट देखी होगी. गिरते हुए शेयरों को बेचकर जल्दी-जल्दी निकल जाने के लिए छोटे निवेशकों के पेट में हलचल होने लगती है. उन्हें लगने लगता है कि शेयर कहीं और गिर गया तो क्या होगा. उधर, बड़े पैसे के साथ काम करने वाले FIIs और DIIs के लिए गिरते हुए शेयर पैसा डालने का अच्छा मौका देते हैं. जब किसी अच्छी कंपनी का स्टॉक गिर रहा होता है तो उसके संघर्ष के समय बड़े-बड़े म्यूचुअल फंड्स लाभ उठाने से चूकते नहीं. टाटा मोटर्स के शेयर में भी नहीं चूके. म्यूचुअल फंड्स ने अगस्त 2024 में लगभग 12,000 करोड़ रुपये के टाटा मोटर्स के शेयर खरीदकर दिखा दिया कि गिरते स्टॉक में सही मौका पाकर लंबी अवधि में लाभ कमाया जा सकता है.

बता दें कि अगस्त 2024 में टाटा मोटर्स के शेयरों में अपने उच्चतम स्तर से लगभग 12 फीसदी की गिरावट आई थी. गुरुवार (12 सितंबर 2024) को यह शेयर 986 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. इस वर्तमान गिरावट की वजह कंपनी की गाड़ियों की धीमी मांग को माना जा रहा है. गिरे हुए टाटा मोटर्स के शेयरों से म्यूचुअल फंड्स ने अपने झोले भर लिए हैं. यह बात अलग है कि जुलाई में म्यूचुअल फंड्स ने ही लगभग 1.6 करोड़ शेयर बेचे थे, जो करीब 1,685 करोड़ रुपये के थे. लेकिन अगस्त में उन्होंने लगभग 11 करोड़ शेयर खरीदे. 37 म्यूचुअल फंड्स में से 32 ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई, जबकि पांच ने अपनी कुछ हिस्सेदारी को कम किया.

किसने कितना खरीदा?
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने सबसे बड़ी खरीदारी की, जिसने 3,932 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, उसके बाद एसबीआई म्यूचुअल फंड और इन्वेस्को म्यूचुअल फंड ने क्रमशः 3,058 करोड़ रुपये और 1,044 करोड़ रुपये की खरीदारी की. कोटक, यूटीआई, फ्रेंकलिन टेम्पलटन और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड्स ने भी 780 करोड़ रुपये, 525 करोड़ रुपये, 485 करोड़ रुपये और 432 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

अगस्त 2024 के अंत तक म्यूचुअल फंड्स के पास टाटा मोटर्स के करीब 41.88 करोड़ शेयर थे. जुलाई में 30.64 करोड़ शेयर थे. इन शेयरों की कुल कीमत 46,543 करोड़ रुपये थी, जबकि एक महीने पहले यह 34,053 करोड़ रुपये थी.

घरेलू बाजार से मिल रहे अच्छे संकेत
टाटा मोटर्स ने अपनी तिमाही रिपोर्ट के बाद कहा था कि उसे ग्लोबल डिमांड में मंदी आने की आशंका है, लेकिन घरेलू बाजार में धीरे-धीरे सुधार की संभावना है. इसके पीछे त्योहारी सीजन और नई गाड़ियों की लॉन्चिंग मुख्य कारण होंगे. कंपनी के ग्लोबल चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर पीबी बालाजी ने इस बाबत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसी बातें कहीं थीं.

जून तिमाही में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में गिरावट आई थी, लेकिन टाटा मोटर्स घरेलू बाजार में सुधार की उम्मीद कर रही है. दूसरी ओर, नुवामा की रिपोर्ट के अनुसार, कमर्शियल व्हीकल की बिक्री में कमजोरी बनी रह सकती है, क्योंकि बुनियादी ढांचे पर खर्च कम हो गया है.

अन्य ऑटो स्टॉक्स में भी म्यूचुअल फंड्स की दिलचस्पी
टाटा मोटर्स के अलावा, म्यूचुअल फंड्स ने अगस्त में अन्य ऑटो कंपनियों के शेयरों में भी खरीदारी की. उन्होंने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के लगभग 1,147 करोड़ रुपये, आयशर मोटर्स के 1,009 करोड़ रुपये और महिंद्रा एंड महिंद्रा के 258 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

ऑटो सेक्टर में यह सब तब देखने को मिला, जब प्रमुख ऑटो निर्माताओं ने कम मांग के बीच अपने वाहन की कीमतों में कटौती की. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने एसयूवी XUV700 की कीमत में 2 लाख रुपये घटाए, जबकि टाटा मोटर्स ने अपने प्रमुख एसयूवी, हैरियर और सफारी की कीमतें कम कर दीं, जो अब क्रमशः 14.99 लाख रुपये और 15.49 लाख रुपये से शुरू होती हैं.

ऑटो कंपनियों ने ये कदम उठाए, ताकि अनसोल्ड इन्वेंट्री को कम किया जा सके, जो लगभग 60,000 करोड़ रुपये की मानी जा रही है. इसके साथ ही मॉनसून के कारण मांग में और गिरावट की संभावना भी है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, जून में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में साल-दर-साल 6.77 प्रतिशत और महीने-दर-महीने 7.18 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि इन्वेंट्री स्तर 62 से 67 दिनों के बीच रिकॉर्ड उच्च स्तर पर था.

Disclaimer: यह खबर केवल जानकारी के उद्देश्य से प्रकाशिक की गई है. यदि आप इनमें से किसी भी शेयर में पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें.