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गोल्ड लोन पर 3 महीने का अल्टीमेटम, RBI को मिली गड़बड़ियां, बैंकों से मांगा पूरा हिसाब

आरबीआई ने बैंकों और फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) को गोल्ड लोन से जुड़ी पॉलिसी में सुधार करने के लिए 3 महीने का अल्टीमेटम दिया है. बैंक रेगुलेटर RBI ने सभी वित्तीय संस्थाओं से बेड लोन को छिपाने समेत अनियमित तौर-तरीकों को उजागर करने को कहा है, साथ ही अपनी लोन पॉलिसी में किसी भी गैप की पहचान करने व कमियों को खत्म करने की अपील की है. आरबीआई ने बैंकों व फाइनेंस कंपनियों को इस संबंध में 3 महीने का समय दिया है. इस अवधि में बैंकों को गोल्ड लोन पॉलिसी में रिफॉर्म के लिए प्लान देना होगा. आरबीआई ने चेतावनी दी कि अनुपालन न करने पर नियामक कार्रवाई की जाएगी.

RBI ने क्यों उठाया ये कदम

गोल्ड लोन को लेकर आरबीआई ने यह सख्त रवैया इसलिए अपनाया है कि रेगुलेटर को जांच के दौरान गोल्ड लोन ऑपरेशन कई अनियमितताएं मिली थीं. गोल्ड लोन रिव्यू के दौरान पाया गया कि नए मूल्यांकन के बिना टॉप-अप लोन का इस्तेमाल और आंशिक भुगतान के बाद भी लोन दिया जा रहा है.
क्या होता है गोल्ड लोन

गोल्ड, सोने के जेवर को गिरवी रखने के एवज में दिया जाने वाला एक सिक्योर्ड लोन है. इसमें बैंक सोने की कीमत के आधार पर लोन राशि तय करते हैं. खास बात है कि अन्य लोन की तरह गोल्ड लोन लेने में ज़्यादा दस्तावेज़ों की ज़रूरत नहीं होती और बहुत तेजी से मिल जाता है.
गोल्ड लोन लेने का सबसे बड़ा फायदा है इस पर लगने वाली ब्याज दर, क्योंकि गोल्ड लोन पर पर्सनल लोन की तुलना में इंटरेस्ट रेट कम होता है. चूंकिं, गोल्ड लोन में कॉलेटरल के तौर पर गहने रखे जाते हैं इसलिए बैंकों को किसी तरह की सिक्योरिटी नहीं चाहिए होती.