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31 प्रीडेटर ड्रोन, 2 न्यूक्लियर सबमरीन… भारत की सेना का नहीं होगा कोई मुकाबला, US से 80000 करोड़ की मेगा डील

सुरक्षा मामलों से जुड़ी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने भारत की सैन्य शक्ति में इजाफा करने के मकसद से अमेरिका से 31 ‘प्रीडेटर लॉन्ग-एंड्योरेंस’ ड्रोन की खरीद और परमाणु ऊर्जा से चलनेवाले दो पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण संबंधी सौदे को बुधवार को मंजूरी दे दी. मामले से अवगत अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अधिकारियों के मुताबिक, एमक्यू-9बी ‘हंटर किलर’ ड्रोन विदेशी सैन्य बिक्री माध्यम के तहत अमेरिकी की जनरल एटॉमिक्स से लगभग 3.1 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से खरीदे जाएंगे. उन्होंने बताया कि परमाणु ऊर्जा से संचालित दोनों पनडुब्बियों का निर्माण लगभग 40,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले सीसीएस ने दोनों प्रमुख खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दी.

भारत के पास अपनी परमाणु सुरक्षा के हिस्से के रूप में तीन परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां (SSBNs) हैं, जो भूमि, वायु और समुद्र में दुश्मनों को कुचलने की ताकत रखती हैं. इन पनडुब्बियों में INS अरिहंत, INS अरिघाट और S4 शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, भारत ने 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन हासिल किए हैं, जिनमें से 15 भारतीय नौसेना के लिए और 8-8 भारतीय सेना और वायु सेना के लिए हैं.