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कांग्रेस की 5वीं लिस्ट जारी, नाना पटोले ने कर ली अपने मन की, अब उद्धव ठाकरे के पास क्या है विकल्प

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार नामांकन की आखिरी तारीख है. इस बीच महाविकास अघाड़ी में अब भी कुछ सीटों पर पेच फंसा हुआ है. कांग्रेस पार्टी पहले ही गठबंधन के सीट शेयरिंग फॉर्मूले को तोड़ चुकी है. उसने सोमवार रात उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट जारी कर दी. इस सूची में तीन और उम्मीदवारों के नाम घोषित किए. इस पांचवी लिस्ट में पार्टी ने एक और उम्मीदवार को बदला है. पार्टी ने आंतरिक विरोध के बाद कोल्हापुर उत्तर से अपना उम्मीदवार बदल दिया है. कांग्रेस ने पहले राजेश लाटकर को टिकट दिया था, उनकी जगह मधुरिमाराजे छत्रपति को उम्मीदवार बनाया गया है. मधुरिमाराज कांग्रेस सांसद शाहू महाराज और पूर्व विधायक मालोजीराजे छत्रपति की पत्नी हैं. मधुरिमाराज पूर्व मंत्री दिग्विजय खानविलकर की बेटी हैं.

कांग्रेस द्वारा घोषित सूची में महाराष्ट्र के चार उम्मीदवार शामिल हैं. कांग्रेस ने अकोला पश्चिम से साजिद खान मनन खान, कुलब्या से हीरा देवासी, सोलापुर सिटी सेंटर से चेतन नरोटे और कोल्हापुर उत्तर से मधुरिमाराजे को मैदान में उतारा है. इस सूची के साथ ही कांग्रेस ने महाराष्ट्र में शतक पूरा कर लिया है. इसे पहले की घोषित सूची में कांग्रेस 99 तक पहुंच गई थी, अब तीन और उम्मीदवारों के शामिल होने से कांग्रेस के उम्मीदवारों की संख्या 102 हो गई है. ठाकरे की शिवसेना ने 87 उम्मीदवारों को टिकट दिया है. शरद पवार की एनसीपी ने अब तक 83 सीटों की घोषणा की है, तो महाविकास अघाड़ी में 272 सीटों की घोषणा की गई है. हालांकि 16 सीटों पर अभी फैसला नहीं हुआ है. नामांकन फॉर्म दाखिल करने की आखिरी तारीख मंगलवार 29 अक्टूबर है.

उद्धव को सबसे बड़ा नुकसान
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले लगातार 100 से 105 सीटों पर चुनाव लड़ने पर अड़े हुए थे. बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. राज्य में हर लोकसभा में छह विधानसभा सीटें हैं. इस तरह कांग्रेस के खाते में 17 गुना 6 यानी 102 सीटें बैठती है. पार्टी ने अपने कोटे की सभी 102 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. सबसे बड़ा नुकसान शिवसेना उद्धव गुट को होते दिख रहा है. लोकसभा में उसने 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इस हिसाब से उसे 126 सीटें मिलनी चाहिए थी, लेकिन अब तक वह केवल 87 सीटों पर ही उम्मीदवार घोषित कर पाई है. शरद पवार की एनसीपी सबसे ज्यादा फायदे में रही है. लोकसभा के हिसाब से उसे केवल 60 सीटें मिलनी चाहिए थी लेकिन वह अब तक 83 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.