महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोटिंग को अब महज 15 दिन का ही वक्त बचा है. 20 नवंबर को राज्य में वोटिंग होगी. इससे पहले महाविकास अघाड़ी और महायुति के नेताओं में टिकट ना मिलने पर बागी सुर अख्तियार करने का सिलसिला जारी है. बीजेपी अपने 9 बागी नेताओं को निर्दलीय के तौर पर पर्चा भरने के बावजूद मनाने में कामयाब रही लेकिन शिवसेना यूबीटी यानी उद्धव गुट के चीफ का अंदाज इसे लेकर काफी सख्त है. टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय नॉमिनेशन भराने वाले 5 नेताओं पर उद्धव ठाकरे ने एक्शन लिया है. इन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. शिवसेना उद्धव गुट ने रुपेश म्हात्रे, विश्वास नांदेकर, चंद्रकांत घुगूल, संजय आवारी और प्रसाद ठाकरे को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है.
उद्धव ठाकरे की शिवसेना अपने सात बागी नेताओं को मनाने में सफल रही. राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी भी 10 बागी नेताओं को समझा बुझाकर पर्चा वापस लेने के लिए मना चुकी है. शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी अपने 4 बागियों को वापस बैठा पाने में कामयाब रही. आखिरी वक्त तक तीनों दलों के शीर्ष नेता सभी बागियों से बातचीत करते रहे. बीजेपी की बता की जाए तो वो पार्टी ने वरिष्ठ नेता गोपाल शेट्टी समेत 9 निर्दलीय उम्मीदवारों को मना चुकी है. इन नौ उम्मीदवारों ने अपने नामांकन वापस भी ले लिए हैं. डोंबिवली सीट पर लड़ रहे गोपाल शेट्टी ने भी आखिरी दिन ही नामांकन वापस लिया. उन्हें राजी करने के लिए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पहल की और वो उनके घर तक पहुंच गए.
महायुति में साथी शिवसेना शिंदे गुट भी इस मामले में काफी एक्टिव रहा. उसने अपने 8 बागी नेताओं को नाम वापस लेने के लिए मना लिया. इस मामले में सबसे ज्यादा दिक्कत तो अजित पवार की एनसीपी के साथ थी. अगर टिकट नहीं मिलने वाले नेता निर्दलीय चुनाव लड़ते तो पार्टी के अस्तित्व पर ही खतरा आ सकता था. हालांकि इसके बावजूद वो अपने छह नेताओं को पर्चा वापस लेने के लिए मना पाने में सफल रहे. बताया जा रहा है कि मायुति निर्दलीय नामांकन भरने वाले अपने कुल 24 कैंडिडेट को मना पाने में सफल हो गई है.