रेलवे ट्रैक पर दूर रखे अवरोध या संदिग्ध चीज को लोकोपायलट भले ही न देख पाए, लेकिन ट्रेन की एआई आंखें जरूर देखेंगी और तुंरत इसका मैसेज लोकोपायलट को देकर अलर्ट करेगी. भारतीय रेलवे ने ट्रैक पर रॉड, सिलेंडर या अन्य अवरोधों से हादसों को बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत इंजनों में एआई बेस्ड कैमरे लगाए जाएंगे. मंत्रालय के अनुसार जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा.
मंत्रालय के अनुसार ट्रेन और ट्रैकों की सुरक्षा को लेकर 14000 इंजनों पर एआई बेस्ड कैमरा लगाए जाने का फैसला किया है. इन कैमरों की खासियत यह होगी कि ये कैमरे नहीं होंगे, लेजर तकनीक से भी लैस होंगे. अगर ट्रैक पर कोई भी संदिग्ध चीज दिखती है तो लेजर लाइट रिफ्लेक्ट होकर वापस कैमरे पर आएगी. चूंकि कैमरा एआई बेस्ड होगा, इसलिए तुरंत मैसेज देगा, जिससे लोकोपायलट जरूरी कदम उठा सकता है. मंत्रालय के अनुसार इस दिशा में काम शुरू हो गया है और एक साल के अंदर सारा अवार्ड कर दिया जाएगा.
चार चार कैमरे प्रत्येक इंजन में
मंत्रालय के अनुसार चार-चार कैमरे प्रत्येक इंजन में लगाए जाएंगे. दो फ्रंट पर और दो बैक पर लगे होंगे. जिससे दोनों नजर रखी जा सके. एआई कैमरा लेजर तकनीक की मदद से दूर से संदिग्ध चीज को देख सकता है. एआई इमैज से उसकी पहचान करेगा. यह अवरोध किस तरह का है मसलन जानवर है, इंसान है या विस्फोटक है. तुंरत अलर्ट भेजेगा. इसकी खासियत यह है कि ये एक निश्चित दूरी से संदिग्ध चीज की पहचान करेगा, जिससे लोकोपायलट समय रहते ही इमरजेंसी ब्रेक लगा सके.
यह भी रिसर्च चल रहा है
मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार इस पर भी रिसर्च चल रहा है कि इमरजेंसी ब्रेक को एआई कैमरे लिंक किया जा सके, जिससे ऐसे हालातों में स्वयं ही ब्रेक लग जाए और ट्रेन रोकी जा सके. इससे हादसे की गुंजाइश न के बराबर रहेगी.