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मरीजों को लूट रहे हैं अस्पताल और बीमा कंपनियां, सरकार के बड़े अफसर इस रवैये से नाराज

हॉस्पिटल और इंश्योरेंस कंपनियों की मनमानी पर सरकार ने चिंता जताई है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि अस्पतालों और बीमा कंपनियों को भरोसा बनाने और नियमों से काम करने की जरूरत है. उन्होंने मरीजों को लूटने के लिए हेल्थ सर्विस सेक्टर में अनैतिक व्यवहार पर चिंता भी जतायी. वी के पॉल ने एक कार्यक्रम में कहा कि बीमा कंपनियों और अस्पतालों, और इंश्योरेंस कंपनियों और बीमित मरीजों के बीच भरोसा बनाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह जानकर बहुत परेशानी हुई कि कुछ अस्पताल ऐसे काम कर रहे हैं, जिनसे भरोसा टूटता है और इलाज की लागत बढ़ जाती है. जब मांग अधिक होती है, तो कुछ अस्पताल अपनी कीमतें बढ़ा देते हैं.’’ पॉल ने यह भी बताया कि कुछ अस्पताल परिवर्तनशील शुल्क अपना रहे हैं, जिसमें मांग के अनुसार कीमतें बदलती रहती हैं. साथ ही कुछ सुविधाओं के लिए अधिभार भी लगाया जाता है.

नियमों के अनुसार काम करने की जरूरत

वी के पॉल ने कहा, ‘‘कुछ अस्पताल ऑपरेशन थियेटर के लिए कुछ खास समय के लिए अतिरिक्त शुल्क ले रहे हैं. ऐसा भले ही बहुत कम होता है, लेकिन यह वास्तव में हमें परेशान कर रहा है.’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को नियमों के अनुसार काम करना चाहिए.