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सुस्त पड़ी दुनिया में भी धड़ल्ले से बिक रहा भारतीय सामान, डिमांड में ये प्रोडक्ट, दूर नहीं $7 ट्रिलियन इकोनॉमी

दुनियाभर के बाजार अभी सुस्ती का सामान कर रहे हैं. बढ़ी हुई ब्याज दरों ने लोगों की खरीदारी पर अंकुश लगा दिया है. ऐसे में इकोनॉमिक ग्रोथ को भी धक्का लग रहा है. लेकिन भारत की मजबूत विकास गाथा लगातार जारी है. क्रिसिल की एक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी हो रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की ग्रोथ रेट अगले 6 साल के लिए 6 फीसदी से ऊपर ही रहने वाली है. इस रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025-31 तक के लिए भारत की ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. इतना ही नहीं 2031 तक भारत के 7 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का भी अनुमान है.

जारी वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 6.8 परसेंट रह सकती है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बढ़ी हुई ब्याज दरों के कारण शहरी मांग पर प्रभाव पड़ सकता है. ईटी-क्रिसिल इंडिया की प्रोग्रेस रिपोर्ट के मुताबिक, “सरकार द्वारा ग्रोथ पर कम खर्च (क्योंकि सरकार वित्त में कटौती कर रही है) भी वृद्धि पर प्रभाव डालेगा.”

काबू में महंगाई
भले ही अक्टूबर के महंगाई आंकड़े आरबीआई के संतोषजनक दायरे से बाहर निकल गए हों लेकिन इस रिपोर्ट की मानें तो वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई दर 4.5 फीसदी रह सकती है. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 5.4 फीसदी रही थी. महंगाई दर में कमी के पीछे कम खाद्य मुद्रास्फीति को बताया गया है. इसके अलावा रिपोर्ट में वैश्विक अनिश्चितताओं और मौसम से जुड़े बदलावों को ग्रोथ के लिए बड़े खतरे के रूप में देखा गया है.

भारत का एक्सपोर्ट बढ़ा
एक दूसरी रिपोर्ट में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया है कि भारत का मर्चेंडाइस एक्सपोर्ट सालाना आधार पर 17.25 फीसदी बढ़ गया है. पिछले वित्त वर्ष के अक्टूबर में यह 33.43 अरब डॉलर था जो इस बार बढ़कर बढ़कर 39.20 अरब डॉलर हो गया. ऐसा तब हो रहा है जब दुनियाभर के बाजारों में बढ़ी हुई ब्याज दरों के कारण सुस्ती देखी जा सकती है. भारत से बाहर गए प्रोडक्ट्स में सबसे ज्यादा योगदान इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक केमिकल व टेक्सटाइल का रहा. वहीं, अगर इस एक्सपोर्ट में सर्विसेज को भी जोड़ दें तो यह बढ़कर 73.21 अरब डॉलर हो जाता है जो पिछले साल के अक्टूबर में हुए एक्सपोर्ट से 19 फीसदी ज्यादा है.