महाराष्ट्र में नतीजों से पहले खेल शुरू हो गया है. बागी नेताओं को फोन किए जा रहे हैं. मनाने की कोशिश हो रही है. भरोसा दिया जा रहा है कि जीत गए, तो दूसरे पाले में मत जाना. पार्टी से वर्षों पुराने रिश्ते की दुहाई दी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, महाविकास अघाड़ी इस काम में सबसे आगे बताई जा रही है. दो बड़े नेताओं को जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है ताकि अगर ऐसाी नौबत आए कि दो चार एमलए कम पड़ें तो अपने ही बागी नेताओं से काम चला लिया जाए.
नतीजे 23 नवंबर को आएंगे, लेकिन एग्जिट पोल साफ इशारा कर रहे हैं कि महाराष्ट्र की गाड़ी किसी भी ओर करवट ले सकती है. कई एग्जिट पोल में उद्धव ठाकरे, राहुल गांधी और शरद पवार की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी को 130 से ज्यादा सीटें मिलते हुए दिखाया गया है. इससे गठबंधन के नेताओं में भरोसा जगा है. उन्हें लग रहा है कि अगर थोड़ा भी इधर उधर हुआ तो वे सरकार बनाने की स्थिति में होंगे. ऐसे में गठबंधन के उन बागी नेताओं से संपर्क किया जा रहा है, जो चुनाव जीतकर आ सकते हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शरद पवार के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अपने प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल को जिम्मेदारी सौंपी है. जबकि कांग्रेस की ओर से बालासाहेब थोराट को बागियों को मनाने का काम सौंपा गया है. कहा जा रहा है कि दोनों नेता लगातार ऐसे नेताओं के संपर्क में हैं. उनसे फोन पर बात कर रहे हैं. उन्हें पार्टी के हित में फैसला लेने को कहा जा रहा है. अंतरआत्मा की आवाज सुनकर साथ आने के लिए मनाया जा रहा है.
इतनी बेचैनी क्यों
लगभग 30 साल बाद महाराष्ट्र में यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिसमें वोटिंग परसेंटेज बढ़ा है. पहले जहां राज्य में औसतन 61 फीसदी वोटिंग होती थी, वहीं इस बार लगभग 65 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई है. इससे सभी दलों में बेचैनी है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि ऊंट किस करवट बैठेगा. इसलिए वे कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. हालांकि, ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी शिवसेना और एनसीपी को जीतते हुए दिखाया जा रहा है, लेकिन कोई भी दल हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठना चाहता. इसलिए बातचीत का दौर अभी से शुरू हो गया है.