बिहार विधानसभा की तरारी, इमामगंज, बेलागंज और रामगढ़ सीटों पर हुए उपचुनाव में सबसे अधिक चर्चा किसी राजनीतिक दल की थी तो वह प्रशांत किशोर की जन सुराज की थी. ऐसा इसलिए की राजनीतिक दल बनाने के बाद प्रशांत किशोर ने अपनी पहली लड़ाई जन सुराज पार्टी के नाम पर लड़ी, लेकिन एक भी सीट पर उनके उम्मीदवारों को सफलता नहीं मिली. जाहिर तौर पर इसे प्रशांत किशोर के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन, इसको लेकर प्रशांत किशोर का क्या मानना है…उसको लेकर उन्होंने मीडिया से बात ही. इस दौरान उन्होंने यह भी साफ किया कि 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
शनिवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जन सुराज के प्रदर्शन को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की परिकल्पना को लेकर बिहार में एक नई सोच बनी है. एक महीने पहले बनी पार्टी ने 10% वोट लाकर एक शुरुआत की है. उन्होंने जन सुराज को मिले वोट की तुलना भारतीय जनता पार्टी से की और कहा कि भाजपा कोई 21 प्रतिशत वोट मिले और हमारी नई पार्टी को 10% वोट मिले. प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारी पार्टी नई और कैंडिडेट भी नये, ऐसे में वोट तो मिला.
जन सुराज अभियान के बारे में प्रशांत किशोर ने कहा कि यह काम कठिन है, लेकिन इसे मुझे करना है. 10% वोट लाना साधारण बात नहीं है. 1 नवंबर को जन सुराज को सिंबल मिला है. कैंडिडेट्स के पास मात्र 10 दिन का समय था. हमारी कमी है और बेहतर होना चाहिए, फिर भी 10 से ऊपर पहुंचाने की जिम्मेवारी भी मेरी है. प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर 10 वर्ष भी लगेगा तो प्रशांत किशोर इस अभियान से पीछे नहीं हटेगा.
प्रशांत किशोर ने आगे बताया कि इन चुनाव में जन सुराज को ओवरऑल 70000 वोट मिले. जन सुराज अभियान को समझना और उसके आधार पर वोट करने में अंतर है. दल को सफलता मिले इसको लेकर मैं जिम्मेवारी ले रहा हूं. 10% वोट मिला है, इसकी जिम्मेदारी भी प्रशांत किशोर की ही है. 6 महीना लोकतंत्र में लंबा समय है. झारखंड और महाराष्ट्र के परिणाम को देख लीजिए, वोट में परिवर्तित करने पर का प्रयास एक साल के भीतर मैं करूंगा. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि एक महीने पहले कोई पार्टी बने और 10% वोट ले, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है.