छत्तीसगढ़

क्षिण बस्तर में कांपी धरती, जानें कितनी जगह आया भूकंप, घरों से बाहर निकले लोग

छत्तीसगढ़ के दक्षिणी बस्तर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. ये झटके बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में महसूस किए गए. इस भूकंप का केंद्र पड़ोसी राज्य तेलंगाना का मुलगु जिला था. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 5.3 थी. भूकंप के झटके 4 दिसंबर को सुबह करीब 7.27 बजे महसूस किए गए. धरती के हिलते ही लोग घरों से बाहर निकल आए. गौरतलब है कि, बस्तर में पिछली बार भूकंप कोरोना काल में आया था. मार्च 2020 में सुकमा और जगदलपुर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस वक्त रिक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता 4.2 थी. इन दो जिलों के अलावा छिंदगढ़, मलकानगिरी में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए थे. ये झटके लगते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए थे.

बता दें, साल 2020 में आए भूकंप में किसी भी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था. भूकंप के ये झटके सुबह करीब 11 बजकर 14 मिनट पर महसूस किए गए थे. लोगों ने बताया था कि जैसे ही भूकंप आया, वैसे ही उनकी दुकानों के काउंटर और कुर्सियां हिलने लगी थीं. दुकानों और घरों के शीशे भी हिलने लगे थे. इस भूकंप से अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया था. लोग झटके लगते ही तत्काल घरों से बाहर की ओर दौड़े.

क्यों आते हैं भूकंप
एक्सपर्ट बताते हैं कि हमारी धरती का निर्माण चार परतों से हुआ है. इन्हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट कहा जाता है. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है. ये परत 50 किलोमीटर मोटी होती है. ये परत कई वर्गों में भी बंटी हुई है. इसके टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब इन प्लेटों में बहुत ज्यादा हलचल होती है तो भूकंप आता है. धरती डोलने लगती है. ये प्लेटें क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों तरह से हिल सकती हैं.