रायपुर. छत्तीसगढ़ के बीजापुर से खौफनाक खबर है. यहां माओवादियों ने दो दिनों में 2 महिलाओं की हत्या कर दी. माओवादियों को शक था कि ये महिलाएं पुलिस के लिए मुखबिरी कर रही थीं. जानकारी के मुताबिक, 40 साल की मृतिका यालम सुकरा मादेड़ इलाके की लोदेड गांव की रहने वाली थी. यह गांव टीमापुर गांव से महज 45 किमी दूर है. इसी टीमापुर गांव में नक्सलियों ने तीन बच्चों की 45 साल की मां की हत्या कर दी थी. दिल दहला देने वाली बात यह है कि इन दोनों महिलाओं को परिवार के सामने गला घोंटकर मार दिया गया. ये दोनों घटनाएं 7 और 8 दिसंबर को हुईं.
बताया जाता है कि नक्सलियों ने सुकरा को उसके पति रमैया यालम के साथ किडनैप किया गया. किडनैपिंग के बाद माओवादियों दोनों को जबरदस्त प्रताड़ित भी किया. इसके बाद आरोपियों ने पति रमैया मजबूर किया कि वह पत्नी की मौत का नजारा देखे. उसके सामने ही माओवादियों ने महिला का गला घोंट दिया. भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आरोपियों को शक था कि सुकरा ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की पुलिस को उनकी मुखबिरी की है. उन्हें शक था कि इस मुखबिरी के बाद पुलिस ने कई माओवादियों का सफाया कर दिया था.
नक्सलियों ने छोड़ा नोट
बता दें, सुकरा और रमैया को माओवादियों ने 7 दिसंबर को लोदेड़ से अगवा किया था. यह गांव राजधानी रायपुर से 460किमी दूर है. सुकरा की हत्या के बाद उसके शव के पास नक्सलियों का नोट भी मिला. इस पर लिखा था कि सुकरा साल 2017 से पुलिस के संपर्क में थी. उसने साल 2017 से 2024 तक कई नक्सलियों की मुखबिरी की. सुकरा को चार बार पुलिस के साथ काम न करने की चेतावनी भी दी गई थी. उसके बावजूद वह पुलिस के साथ संपर्क में रही. उसकी मुखबिरी के बाद हाल ही में 7 नक्सली मारे गए. इसलिए जनता अदालत ने उसे मौत की सजा दी.