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अब किसी भी वक्त बाहर आ सकता है मासूम ‘आर्यन’, देसी जुगाड़ से NDRF को मिली बड़ी सफलता

दौसा में बोरवेल में गिरे मासूम को करीब 28 घंटे गुजर जाने के बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है. वहीं बीती रात 2 बजे से ही मासूम के अंदर किसी प्रकार की मूवमेंट नजर नहीं आ रही है, जिसके चलते प्रशासनिक अधिकारियों सहित एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों का हौंसला भी गिरता जा रहा है. लेकिन अब खबर आ रही है कि लंबे प्रयास के बाद NDRF को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है. दरअसल एक स्थानीय जिले का युवक भी मौके पर बुलाया गया है और उसके द्वारा एक राड से बनाया गया देसी जुगाड़ भी बच्चे तक पहुंचाया गया है.

बोरवेल में ही बच्चे के शरीर पर देसी जुगाड़ लगाया गया है, जिसमें हाथ को फंसा लिया गया है. अब एनडीआरएफ टीम के द्वारा उस बच्चे के हाथ पर एक रस्सी लगाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं बच्चे के नीचे एक छतनुमा लोहे का अम्ब्रेला सेफ भी लगाया गया है, ताकि अगर बच्चा कोई हलचल करता है, तो नीचे नहीं जा सके. अगर बच्चा यदि रिंग में फंसा, तो बच्चे को बाहर निकालने मे सफलता मिल सकती है.

28 घंटे से फंसा मासूम ‘आर्यन’
दौसा जिले के ग्राम पंचायत पापड़दा के कालीखाड़ गांव में कल एक 5 वर्षीय मासूम आर्यन बोरवेल में खेलते समय गिर गया था, जिसके निकालने का प्रयास लगातार 28 घंटे से किया जा रहा है. बोरवेल से 20 मीटर की दूरी पर एक बड़ा गड्ढा खोदा गया है और गड्ढे में दर्जनों जेसीबी मशीन एलएनटी मशीन दर्जनों ट्रैक्टर लगे हुए हैं. सोमवार 4 बजे से मंगलवार शाम 6:30 बजे तक करीब 80 फीट की खुदाई की गई है. वहीं दूसरी तरफ बोरवेल में एनडीआरएफ टीम के द्वारा एक लोहे की राड के माध्यम से लगातार बच्चे को निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

जवान हिम्मत दिखाते हुए पिछले 25 घंटे से भूखे रहकर लगातार मासूम को बाहर निकालने का प्रयास करने में जुटे हुए हैं. वहीं रात से ही जिला कलेक्टर देवेंद्र यादव सहित अन्य अधिकारी मौके पर जमे हुए हैं. ऐसे में मौके पर मौजूद सभी भगवान से दुआ मांग रहे हैं कि आर्यन सकुशल बोरवेल से बाहर निकल जाए. वहीं बोरवेल से करीब 20 फिट की दूरी पर ही बीती रात से खुदाई की जा रही है.
हजारों की संख्या में लोगों की भीड़
घटना स्थल पर ही दौसा जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार कल से मौके पर मौजूद हैं. वहीं एसपी रंजीता शर्मा भी मौके पर ही हैं और हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ भी है. लोग और अधिकारी बच्चे को कुशल बाहर निकालने के लिए भगवान से दुआ लगाते हुए नजर आ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि भगवान इस बच्चे को जिंदा निकाल दे, जिससे इस बच्चे की जान बच सके.

भाजपा नेता जगमोहन मीणा मौके पर मौजूद
भाजपा पार्टी के नेता और राजस्थान सरकार के मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा कल से ही घटनास्थल पर मौजूद हैं और लोगों के बीच में बैठकर बच्चे को कुशल निकालने की भगवान से दुआ कर रहे हैं. वहीं मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीणा की बात करें, तो उनके द्वारा बच्चे को निकालने के लिए 10 लाख रुपए की आर्थिक राशि भी दी गई है, जिसमें किसी भी प्रकार का अगर कोई खर्च होता है, तो उसे लगाया जा सके.

NDRF टीम को कभी भी मिल सकती है सफलता
देसी जुगाड़ अभी बच्चे के शरीर पर लगाया गया है और एनडीआरएफ टीम के द्वारा बच्चे के शरीर पर एक रस्सी लगाई जा रही है. रस्सी जब बच्चे के शरीर पर लग जाएगी, इसके बाद उसे बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. एनडीआरएफ टीम के जवान लगातार बच्चे के हाथ पर रस्सी लगाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं सीसीटीवी कैमरे की नजर से बच्चे को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं.