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लड़की का आया फोन, बोली-……जगाया ऐसा अरमान आधी रात को…

इन दिनों ऑनलाइन लड़कियों से दोस्ती करने का चलन काफी बढ़ गया है. इसके कारण ठगी का मामला भी बढ़ता जा रहा है. अहमदाबाद से एक ऐसा ही ठगी का मामला सामने आया है. चांदखेड़ा में रहने वाला 45 साल का शख्स एक इंश्योरेंस कंपनी में एरिया मैनेजर है. उनके पिता रेलवे यातायात विभाग से सेवानिवृत्त हैं. युवक दो महीने पहले दोस्त बनाने, शादी और सामाजिक गतिविधियों की जानकारी देने वाले ‘क्वेक क्वेक’ ऐप से जुड़ा था.

जिसमें उसकी पहचान जिया पटेल नाम की लड़की से हुई थी. जिया ने खुद को मोरबी का बताया और भोपाल के एक ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली बताया बाद में उसने युवक से मिलने की मीठी-मीठी बातें कीं. जब युवक उससे मिलने भोपाल गया तो जिया ने बहाना बनाकर उससे मिलना टाल दिया. बाद में नलसरोवर लंबी ड्राइव पर गए और शारीरिक संबंध बनाने का मीठा प्रलोभन दिया.

कई जिलों में कांड कर चुकी है महिला
22 नवंबर को युवक और जिया की मुलाकात हुई. जिया ने युवक को नालासरोवर रोड पर एक सुनसान जगह पर ले जाने को कहा और युवक उसे वहां ले गया. लड़की के दोस्त वहां आ गए और उसे पीटने लगे और धमकी देने लगे. बाद में आरोपी ने नकली पुलिस बनकर लड़की से बात कर कानून का डर दिखाया. बाद में आरोपियों ने युवक का क्रेडिट और डेबिट कार्ड लूट लिया. जिससे उसे नकदी मिली और उसने आभूषण खरीदे. इस मामले में नालासरोवर पुलिस ने केस दर्ज किया. जांच के बाद ग्रामीण एलसीबी, एसओजी, नालासरोवर पुलिस सहित टीमों ने गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की है. फिर पुलिस ने इस संदेह पर जांच तेज कर दी है कि इस गिरोह के लोगों ने अन्य शहरों या जिलों में और भी वारदातें की हैं.
ये गिरोह के सदस्य पकड़े गए

जानकी कनकभाई के ऊपर (शेष. ध्रोल, जामनगर)
नासिर जसराया (शेष. ध्रोल, जामनगर)

कौसर उर्फ ​​जिया उर्फ ​​खुशी पिंजारा (निवासी धरोल, जामनगर)

साहिल वाघेला (शेष. ध्रोल, राजकोट)

राज कोटाई (शेष धरोल, जामनगर)

शहर में एक लड़की ने भी अपराध किया है. पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी जानकी, नसीर, कौसर, साहिल और राज एक ही गांव में रहते हैं और आपस में दोस्त हैं. पैसा कमाने के लालच में उन्होंने इस एप्लीकेशन के जरिए कई लोगों को अपना शिकार बनाया है. कौसर इस गैंग का मास्टरमाइंड है और उसने सूरतनगर में भी एक शख्स को हनीट्रैप में फंसाया था. होटल में प्रवेश पर रोक लगाने वाले इस गिरोह के सदस्य पहले से ही योजना बना रहे थे. कौसर किसी भी टारगेट को फंसा लेता था. मिलने की बात तय होने पर जब कौसर को एक होटल में ले जाने की पेशकश की गई तो उसने इनकार कर दिया. यह कहते हुए कि हाईवे के होटल खतरनाक हैं, वह एक सुनसान जगह पर मिलने का फैसला करता था और अपने गिरोह के सदस्यों को डकैती करने के लिए वहां बुलाता था.