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रायपुर और विशाखापट्टनम: 14 घंटे का सफर सात घंटे में, साथ में जंगल सफारी और समंदर की सैर का मजा, बड़ा अनोखा है ये एक्सप्रेसवे

भारत में आने वाले दिनों में सड़क से सफर बेहद सुहाना और बहुत आसान हो जाएगा, क्योंकि देश में हाईटेक एक्सप्रेसवे तैयार किए जा रहे हैं. खास बात है कि यह एक्सप्रेसवे शहरों के साथ-साथ दुर्गम इलाकों से भी निकल रहे हैं. इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसे एक्सप्रेसवे के बारे में बताने जा रहे हैं जो घने जंगलों से होकर समंदर के किनारे तक जाता है. हम बात कर रहे हैं रायपुर और विशाखापट्टनम के बीच बन रहे 6 लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे की, जिस पर 2022 से काम चल रहा है और अगले साल तक इसका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है. रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे, मध्य भारत और पूर्वी तट के बीच एक महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारा साबित होगा. रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे एक अहम रोड इंफ्रा प्रोजेक्ट है जो देश में कनेक्टिविटी और रोड नेटवर्क को समृद्धता प्रदान करेगा. आइये आपको बताते हैं इस एक्सप्रेसवे से जुड़ी खास बातें…

दूरी भी कम, ट्रैवल टाइम भी कम

इस एक्‍सप्रेसवे के तैयार होने से रायपुर और विशाखापट्टनम के बीच की दूरी करीब 125 किलोमीटर कम हो जाएगी. इसका एक फायदा यह भी होगा कि ट्रैवल टाइम भी आधा हो जाएगा. इसकी मुख्य वजह इस एक्सप्रेसवे पर स्पीड होगी. रायपुर-विशाखापट्टनम एक्‍सप्रेसवे का सीधा फायदा 3 राज्‍यों को मिलेगा.

समंदर के साथ-साथ जंगल के नजारे

यह 6 लेन एक्‍सप्रेसवे छत्‍तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को आपस में जोड़ेगा. 464 किलोमीटर लंबे इस एक्‍सप्रेसवे को पूरी तरह एक्‍सेस कंट्रोल सिस्‍टम के साथ तैयार किया जा रहा है. एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात यह है कि इसे समंदर किनारे बसे शहर वाईजैग से शुरू किया जा रहा है. यह घने जंगल व खूबसूरत पहाड़ों के बीच से गुजारेगा जाएगा. ऐसे में इस एक्सप्रेसवे पर सफर करना किसी हिल स्‍टेशन की सैर करना जैसा होगा.
यह कॉरिडोर छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित अभनपुर से निकलेगा और वाईजैग के सबवरम के पास खत्‍म होगा. इस दौरान यह एक्सप्रेसवे छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के जंगलों से निकलेगा.