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निज्जर की हत्या पर कनाडा को भारत ने दिया टका-सा जवाब, US से आया ऐसा इनपुट, सरकार को बनानी पड़ी कमेटी

भारत ने अमेरिका की तरफ से साझा की गई उस जानकारी को गंभीरता से लिया है, जिसमें संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अन्य लोगों के बीच सांठगांठ का जिक्र किया गया है. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने शुक्रवार को बताया कि अमेरिकी ने जो सूचना मुहैया कराई है, उसकी जांच के लिए एक हाईलेवल कमिटी का गठन किया गया है. सिंह ने कहा कि यह कदम संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ चल रहे सुरक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में उठाया गया है.

अमेरिका ने हाल ही में कनाडा और भारत के बीच राजनयिक विवाद में दखलअंदाजी करते हुए भारत से खालिस्तानी आतंकवादी और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश के पूर्व आरोपों को गंभीरता से लेने का आग्रह किया. अमेरिकी विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था, “हम चाहते थे कि भारत सरकार कनाडा की जांच में सहयोग करे…हमने स्पष्ट कर दिया है कि आरोपों को गंभीरता से लेने की जरूरत है.”

कनाडा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने एक बयान में कहा, ”सरकार अमेरिका और कनाडा में कथित कृत्यों या इरादों में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता के आरोपों से अवगत है. जहां तक ​​कनाडा का सवाल है, उसने जो गंभीर आरोप लगाए हैं, उसके समर्थन में उसने कोई भी सबूत पेश नहीं किया है.”

भारत-कनाडा के संबंध
भारत और कनाडा के बीच संबंध पिछले साल सितंबर से तनावपूर्ण हैं, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था. हालांकि, नई दिल्ली ने उन आरोपों को “बेतुका” कहकर खारिज कर दिया. दोनों देशों के रिश्ते तब और बिगड़ गए जब ट्रूडो ने हाल ही में मामले का नाम लिए बिना भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को एक जांच में रुचि रखने वाले व्यक्ति के रूप में नॉमिनेट किया. रुचि रखने वाले व्यक्ति का मतलब एक संदिग्ध व्यक्ति है जिसे गिरफ्तार नहीं किया गया है.

मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ”हां, जब भी ऐसी धमकियां जारी की जाती हैं, हम उन्हें बहुत गंभीरता से लेते हैं और इसे अमेरिकी सरकार के सामने उठाते हैं. इस विशेष मामले में भी, हमने इसे अमेरिकी सरकार के सामने उठाया है और हमारी अपेक्षा है कि संयुक्त राज्य सरकार हमारी सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेगी और इस पर कार्रवाई करेगी.”