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बढ़ती उम्र के साथ लगातार कम होती नौकरियां! मैनेजमेंट को कम उम्र के लोगों पर ज्यादा भरोसा

यह तो आपने भी देखा और महसूस किया होगा कि बढ़ती उम्र के लोगों को नौकरी पाने में दिक्कत होती है. सरकारी नौकरी करने वाले 60 या 58 साल की उम्र में रिटायर होते हैं, लेकिन प्राइवेट नौकरी करने वालों को 50 पार होते ही नौकरी खोजने में कठिनाइयां आने लगती हैं.

सीनियर लेवल पर हायरिंग के वक्त कंपनियां अनुभव से पहले उम्र देखती हैं. यह चलन कोरोना महामारी के बाद और बढ़ गया है. विभिन्न कंपनियों के हायरिंग मैनेजर्स को पहले ही साफ कर दिया जाता है कि नौकरी के लिए इंटरव्यू देने आने वालों की आयु क्या होनी चाहिए. 50 के आसपास के लोगों को तो हायरिंग मैनेजर कॉल तक नहीं करते.

लगभग हर सेक्टर में यही हाल
यदि एक मेन्युफेक्चिरिंग सेक्टर को छोड़ दें तो बाकी सभी सेक्टर्स में 50 के आसपास वाली उम्र के लोगों के लिए दरवाजे लगातार बंद होते जा रहे हैं. एफएमसीजी (FMCG), फार्मा (Pharma), बैंकिंग और वित्त (Banking & Finance), गैर-बैंकिंग वित्त (Non-Banking Finance), और जीवन बीमा (Life Insurance) जैसे सभी क्षेत्र युवाओं को तरजीह देते हैं.

मेन्युफेक्चिरिंग सेक्टर में ज्यादा उम्र के लोगों को इसलिए तवज्जो मिलती है, क्योंकि उनके पास लम्बा तजुर्बा होता है. मेन्युफेक्चिरिंग या विनिर्माण सेक्टर में अनुभव और मैच्योरिटी का स्तर अधिक मायने रखता है. इसके अलावा युवाओं का इस सेक्टर में अधिक रुझान नहीं है. युवाओं का पहला रुझान सर्विस सेक्टर में है.

समय के साथ चलना सबसे अहम
आंकड़ों से काफी हद तक तस्वीर साफ होती है कि उम्रदराज लोगों के लिए नौकरियों के दरवाजे बंद होते जा रहे हैं. फिर भी 50 के आसपास के लोगों को खुद को अपग्रेड करना जरूरी है. वर्तमान समय में क्या चल रहा है और भविष्य क्या हो सकता है, इसकी अच्छी समझ होनी चाहिए. यह समझ युवाओं के साथ रहकर, उनके साथ काम करके हासिल की जा सकती है. समाचार-पत्र के अनुसार, 1990 के दशक में उज्जवल ठाकर उम्र के चौथे दशक में थे और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में एग्जीक्यूटिव थे. अब वे अपनी ही कंस्लटेंसी कंपनी में काम करते हैं. फिलहाल वे 71 साल के हैं, लेकिन उन्होंने खुद को लगातार समय के साथ जोड़े रखा.

ठाकर कहते हैं कि अनुभव और आपके नेटवर्क का बहुत महत्व है. लेकिन आप उसे कैसे और किस कीमत पर भुना पाएंगे, यह कहा नहीं जा सकता. आपको समय के साथ चलना होगा. खुद को फिर से खड़ा करना होगा. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी टीम के नए सदस्यों के साथ काफी करीब से काम करके ऐसा किया. उनसे नए जमाने के कौशल सीखे.