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ग्लोबल मार्केट के साथ कौन से फैक्टर्स इस हफ्ते घेरलू शेयर बाजार की चाल तय करेंगे, एक्सपर्ट्स से समझिए

आगामी कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक बाजारों के उतार-चढ़ाव, आर्थिक आंकड़ों तथा विदेशी फंड्स के रुझान से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के जैक्सन होल में शुक्रवार को संबोधन के बाद सोमवार को बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजय कुमार ने कहा, ‘‘पावेल ने अपने संक्षप्ति संबोधन में अत्यधिक सख्त रुख का संकेत दिया है. मौद्रिक रुख उम्मीद से अधिक समय तक सख्त रखने की आशंका को लेकर बाजार चिंतित है.’’

मुद्रास्फीति महत्वपूर्ण फैक्टर
पावेल ने कहा है कि आगामी महीनों में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में और बड़ी बढ़ोतरी करेगा. अमेरिकी केंद्रीय बैंक का ध्यान चार दशक में सबसे उच्चस्तर पर पहुंच चुकी महंगाई को काबू करने पर है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘जैक्सन होल संगोष्ठी में पोवल का बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक का ध्यान वृद्धि से अधिक मुद्रास्फीति पर अंकुश की ओर है.’’

शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट में बड़ी गिरावट
उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजारों में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. सोमवार को भारतीय बाजारों की प्रतिक्रिया भी नकारात्मक रह सकती है. शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ. इस बीच, बुधवार को गणेश चतुर्थी पर बाजारों में अवकाश रहेगा.

वाहन बिक्री के आंकड़े भी महत्वपूर्ण
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर वैश्विक बाजारों के रुख का प्रभाव देखने को मिलेगा. इसके अलावा भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और वाहन बिक्री के आंकड़े भी महत्वपूर्ण रहेंगे. इसके साथ ही बाजार की दिशा कच्चे तेल की कीमतों, डॉलर सूचकांक और अमेरिका में बॉन्ड के प्रतिफल पर भी निर्भर करेगी.’’

यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों वाला
विश्लेषकों ने कहा कि खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़े बृहस्पतिवार को आने हैं. इससे भी बाजार की धारणा प्रभावित होगी. रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों वाला होगा. चूंकि इस सप्ताह नए महीने की शुरुआत है, ऐसे में भागीदारों की निगाह वाहन बिक्री आंकड़ों पर भी रहेगी. सभी की निगाह वैश्विक बाजारों विशेषरूप से अमेरिकी बाजार के प्रदर्शन पर रहेगी.’’

विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख, रुपये-डॉलर के उतार-चढ़ाव से भी बाजार की धारणा पर असर पड़ेगा. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 812.28 अंक या 1.36 प्रतिशत के नुकसान में रहा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 199.55 अंक या 1.12 प्रतिशत की गिरावट आई.