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आज लद्दाख जा रहे हैं आर्मी चीफ मनोज पांडे, भारत-चीन के बीच गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में अलगाव प्रक्रिया जारी

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कुछ क्षेत्रों से भारत और चीन के सैनिकों की वापसी प्रक्रिया के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे शनिवार को लद्दाख जा रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पक्षों के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (PP-15) क्षेत्र में बनाए गए अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और सत्यापित करने पर सहमति बनी है. बताते चलें क‍ि एलएसी पर गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (Gogra-Hot Springs) इलाके में भारत और चीन के बीच अलगाव प्रक्रिया जारी है.

वहीं गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाके के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से भारतीय और चीनी सेना ने गुरुवार को समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से पलायन करना शुरू कर दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि क्षेत्र में अलगाव की प्रक्रिया सोमवार तक पूरी कर ली जाएगी. चीनी सेना ने यह भी पुष्टि की है कि चीन और भारत के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से न‍िकलना शुरू कर दिया है.

भारत लगातार यह कहता रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है. गतिरोध को हल करने के लिए दोनों सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत की. यह विघटन प्रक्रिया भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच 17 जुलाई, 2022 को चुशुल मोल्दो मीटिंग पॉइंट पर हुई बातचीत के 16वें दौर का अनुसरण करती है.

इस वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने LAC से जुड़े प्रासंगिक मुद्दों को हल करने के लिए नियमित संपर्क बनाए रखा था. परिणामस्वरूप, भारत और चीन अब गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्र से सैनिकों की वापसी पर सहमत हो गए हैं. समझौते के अनुसार, इस क्षेत्र में विघटन प्रक्रिया 8 सितंबर को 08:30 बजे शुरू हुई और 12 सितंबर 2022 तक पूरी हो जाएगी.

व‍िदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता के मुताब‍िक प्‍वाइंट 15 में चल रहे विघटन के सोमवार तक पूरा होने के बाद भारत और चीन शेष मुद्दों को भी उठाएंगे. दोनों देशों ने पांच अन्य क्षेत्रों में विघटन पूरा कर लिया है, जिसमें प्‍वाइंट 15 नवीनतम है, पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग्स में PP17A बफर जोन बना रहा है.

पिछले महीने, भारत और चीन की सेनाओं ने एक डिवीजन कमांडर-स्तरीय बैठक की, जहां उन्होंने लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने से संबंधित मामलों पर चर्चा की. इससे पहले, भारत और चीन ने चीनी वायु सेना द्वारा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को लेकर चुशुल सेक्टर में बातचीत की, जहां भारत ने चीन को किसी भी दुस्साहस के खिलाफ चेतावनी दी थी.