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कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में 11 साल बाद अगले माह से होगी सुनवाई, CBI कोर्ट ने आरोपियों को भेजा समन

राष्ट्रमंडल खेलों में 600 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के मामले में अगले माह से सुनवाई होगी. इस मामले में सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के करीब 11 साल बाद आयोजन समिति के पूर्व सदस्यों और अन्य के खिलाफ सुनवाई शुरू होगी. यह सुनवाई अगले महीने शुरू होगी. इसके लिए अदालत ने समन जारी कर दिए हैं.

रविवार को इस मामले पर अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई को आयोजन समिति के सदस्यों ए के सक्सेना, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, सुरजीत लाल और के उदय कुमार रेड्डी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 25 जनवरी को एजेंसी द्वारा प्रस्तुत आरोपपत्र का संज्ञान लिया. मामला राष्ट्रमंडल खेलों के लिए टेंट, केबिन की आपूर्ति से संबंधित है, जिसे कथित तौर पर अत्यधिक दरों पर खरीदा और किराए पर लिया गया था. इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ.

लगभग 140 करोड़ का मिला था ठेका
सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में जीएल मेरोफॉर्म के तत्कालीन निदेशक बीनू नानू, वायुसेना के पूर्व ग्रुप कैप्टन और आपूर्तिकर्ता प्रवीण बख्शी तथा कम्फर्ट नेट ट्रेडर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संदीप वाधवा को भी आरोपी बनाया है. वाधवा प्राथमिकी में नामित नुस्ली इंडिया लिमिटेड से कथित रूप से जुड़े हुए हैं, जिसे राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों, 2010 के लिए टेंट, केबिन जैसे सामान की आपूर्ति के लिए लगभग 140 करोड़ रुपये का ठेका मिला था.

सीबीआई की एफआईआर में सीडब्ल्यूजी आयोजन समिति के तत्कालीन महानिदेशक वी के वर्मा थे नामजद

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में सीडब्ल्यूजी आयोजन समिति के तत्कालीन महानिदेशक वी के वर्मा को प्राथमिकी में नामजद किया था, लेकिन वर्तमान आरोपपत्र में उनका नाम नहीं है. चार कंपनियों को कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये से अधिक के ठेके मिले थे. सीबीआई की विशेष अदालत ने रेखांकित किया कि प्राथमिकी में नामजद कुछ आरोपियों के नाम आरोपपत्र में नहीं हैं. सीबीआई ने अदालत से कहा कि जांच अभी भी जारी है और पूरक आरोप पत्र दायर किया जाएगा, हालांकि नामजद आरोपियों के संबंध में जांच पूरी हो गई है.

लोक सेवकों पर धोखाधड़ी और सरकार को नुकसान पहुंचाने का आरोप

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि लोक सेवकों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. धोखाधड़ी की और सरकार को अनुचित नुकसान पहुंचाया तथा चार कंपनियों और खुद को लाभ पहुंचाया. विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश ने कहा- ‘मैं आरोप पत्र में वर्णित अपराधों का संज्ञान लेता हूं. आरोपी ए के सक्सेना, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, सुरजीत लाल, के उदय कुमार रेड्डी, बीनू नानू, प्रवीण बख्शी और संदीप वाधवा को समन जारी करता हूं.’