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सेज इकाईयों में काम करने वाले 100% कर्मचारियों को मिल सकती है वर्क फ्रॉम होम की सुविधा!

स्‍पेशल इकोनॉमिक जोन्‍स (सेज) स्थित इकाईयों के सभी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा मिल सकती है. विभिन्‍न देशों में कई स्‍थानों पर लागू कोविड-19 की बंदिशों के कारण कर्मचारी ऑफिस नहीं आ पा रहे हैं. इसी को देखते हुए वाणिज्‍य मंत्रालय वर्क फ्रॉम होम सभी कर्मचारियों के लिए शुरू करने पर विचार कर रहा है. भारत में 8 स्पेशल इकोनॉमिक जोन हैं. ये महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. वर्तमान में एसईजेड में अधिकतम एक साल की अवधि के लिए वर्क फ्रॉम होम की अनुमति है और यह सुविधा कुल 50 फीसदी कर्मचारियों को ही दी जा सकती है. गोयल ने कहा कि सरकार को कई क्षेत्रों से वर्क फ्रॉम होम का दायरा बढ़ाने का अऩुरोध मिला है.

वर्क फ्रॉम होम से बढ़ा निर्यात
पीयूष गोयल ने कहा कि कोरोना काल में एसईजेड में वर्क फ्रॉम होम की अनुमति सरकार ने दी थी. इसके अच्‍छे परिणाम निकले और इस कदम का सभी ने स्‍वागत किया. इससे भारत के सर्विस सेक्टर के निर्यात को बढ़ाने में काफी मदद मिली. पिछले साल सर्विस सेक्‍टर का निर्यात 254 अरब डॉलर रहा था. गोयल ने उम्‍मीद जताई की इस साल इसमें और बढ़ोतरी होगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम से राजकोट और ऊना जैसे छोटे शहरों में रोजगार के अवसर पैदा करने में सहायता मिलेगी.

सभी सेक्‍टर होंगे शामिल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सौ फीसदी वर्क फ्रॉम होम सुविधा का लाभ एसईजेड में मौजूद सभी सेक्टरों को दी जा सकती है. उन्‍होंने कहा कि घर से काम करने की इजाजत देने में देश का हित है. बोर्ड ऑफ ट्रेड मीटिंग के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए गोयल ने विकसित देशों के साथ ज्यादा ट्रेड एग्रीमेंट करने की जरूरत पर भी जोर दिया. उन्‍होंने कहा कि प्रतिभागियों को हर सेक्टर में एफटीए की संभावनाओं पर ध्यान देना चाहिए. बैठक में एक्सपोर्ट के टारगेट तय करने, नई विदेश व्‍यापार नीति और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने की रणनीतियों और उपायों पर विचार किया गया.