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करियर की शुरुआत में रिटायरमेंट प्लानिंग में शामिल करें एनपीएस, कई तरह से मिलेगा लाभ

अगर आप अपने करियर के शुरुआती दौर में हैं तो आपके लिए अभी से रिटायरमेंट फंड के लिए तैयारी करना एक समझदारी भरा फैसला होगा. आपके पास कई निवेश विकल्प हैं जिसके जरिए आप बेहतर रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं. ऐसे ही निवेश विकल्पों में शामिल है एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम. आज हम आपको ऐसे कुछ कारण बताएंगे जो रिटायरमेंट फंड की प्लानिंग के लिए एनपीए को आपका पसंदीदा निवेश विकल्प बना देंगे. बता दें कि एनपीएस एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है जिसमें ब्याज दर ऊपर-नीचे होती रहती है.

हर साल 50,000 रुपये का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन- एनपीएस में निवेश से आपको आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीडी के तहत 50,000 रुपये के अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है. इसे आप अपने रिटायरमेंट फंड में अतिरिक्त निवेश के रूप में समझें. ये छोटी सी बचत 25-30 साल के अंदर आपके फंड में बड़ा योगदान साबित होगी.

मेच्योरिटी तक फंड होगा टैक्स फ्री- मौजूदा टैक्स नियम के अनुसार, एनपीएस के निवेशक अपने फंड का 60 फीसदी हिस्सा मैच्योरिटी पर टैक्स फ्री लेकर जा सकते हैं. इसके अलावा 40 फीसदी हिस्से को आपको अनिवार्य रूप से एन्यूइटी के रूप लेना होता है. ये आपकी पेंशन होती है.

अत्यधिक विनियमित निवेश लेकिन खर्च कम- आप किसी भी इक्विटी लिंक्स स्कीम में पैसा लगाते हैं तो उसको मैनेज करने के लिए आपसे 1-2 फीसदी शुल्क लिया जाता है. वहीं, एनपीएस में यह मात्र 0.01 फीसदी होता है. जबकि पीएफआरडीए सक्रिय तौर पर इस फंड को रेग्युलेट करती है. इसका मतलब है कि आपका पैसा सुरक्षित हाथों में है.