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ICRA ने चालू वित्त वर्ष के लिये GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.2% पर रखा बरकरार

रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने होटल जैसे संपर्क वाले क्षेत्रों में पुनरुद्धार और सरकारी तथा निजी व्यय में तेजी का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. इक्रा ने बुधवार को कहा कि दबी मांग बढ़ने के साथ वृद्धि दर के कोविड पूर्व स्तर पर आने का अनुमान है. हालांकि, सालाना आधार पर पहली तिमाही के जीडीपी वृद्धि दर (13.5 प्रतिशत) की तुलना में दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर काफी नीचे रहेगी. उच्च तुलनात्मक आधार से अगली दो तिमाहियों में भी इसके और नीचे रहने की संभावना है.

रेटिंग एजेंसी का 7.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान ज्यादातर अनुमानों से कुछ अधिक है. हालांकि, एसएंडपी के इस सप्ताह जतायी गयी संभावना से यह 0.10 प्रतिशत कम है. भारतीय रिजर्व बैंक ने वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है.

कोविड पूर्व स्तर 2019-20 के मुकाबले वृद्धि दर में तेजी की उम्मीद
रेटिंग एजेंसी में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, हम 2022-23 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने के अनुमान को बरकरार रख रहे हैं. इसका कारण दबी मांग बढ़ने से होटल जैसे संपर्क गहन क्षेत्रों में पुनरुद्धार तथा सार्वजनिक एवं निजी पूंजी व्यय में वृद्धि है. हालांकि, सालाना आधार पर जीडीपी वृद्धि दर दूसरी तिमाही में पहली तिमाही के मुकाबले कम रहने का अनुमान है. दूसरी छमाही में यह और कम होगा. कोविड पूर्व स्तर 2019-20 के मुकाबले वृद्धि दर में तेजी की उम्मीद है

उन्होंने कहा कि अगस्त में रिकॉर्ड संख्या में औसतन दैनिक जीएसटी ई वे बिल निकाले गए हैं. इसका कारण विभिन्न इकाइयों का त्योहारों से पहले वस्तुओं का भंडार बनाना है. यह बताता है कि बाजार में भरोसा बढ़ा है. इसके साथ जिंसों के दाम में कमी को देखते हुए त्योहारों में मांग बेहतर रहने की उम्मीद है. हालांकि, धान जैसी प्रमुख खरीफ फसल का उत्पादन कम होना वृद्धि के लिये विभिन्न जोखिमों में से एक है.

नायर के अनुसार, मजबूत तुलनात्मक आधार के कारण वित्त वर्ष 2022 23 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.5 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं तीसरी और चौथी तिमाही में यह 5 से 5.5 प्रतिशत रह सकती है.