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इंश्‍योरेंस खरीदना होगा सस्‍ता! ई-पॉलिसी पर जल्‍द मिलना शुरू हो सकता है डिस्‍काउंट, IRDAI ने कही ये बात

अगर आप भी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको एक बार ई-इंश्योरेंस पॉलिसी पर विचार करना चाहिए. संभव है कि जल्द ही इंश्योरेंस कंपनियां आपको प्रीमियम पर डिस्काउंट मुहैया कराने लगें. दरअसल, बीमा रेगुलेटर इरडा ने कहा है कि अगर कोई बीमा ग्राहक सीधे इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म से बीमा खरीदता है तो कंपनियों द्वारा उसे प्रीमियम पर डिस्काउंट दिया जाना चाहिए. बकौल इरडा, यह डिस्काउंट अथॉरिटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार होने चाहिए.

पॉलिसीएक्स डॉट कॉम के संस्थापक व सीईओ नवल गोयल कहते हैं कि कई लोग पॉलिसी क्लेम करने के समय पर अपने दस्तावेज नहीं खोज पाते हैं और इसलिए उनकी पॉलिसी उनके हाथ से निकल जाती है. उन्होंने कहा कि एक प्लेटफॉर्म पर ये सारे दस्तावेज और पॉलिसीज मिल जाने से लोगों को सुविधा और वे अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को बेहतर मैनेज कर पाएंगे.

क्या होती है इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी
इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस पॉलिसी या ई-इंश्योरेंस डिजिटली हस्ताक्षरित दस्तावेज होता है. यह इस बात का प्रमाण होता है कि इंश्योरेंस कंपनी ने इंश्योरेंस लेने वाले ग्राहक को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रजिस्टर्ड इंश्योरेंस डिपॉजिटरी के जरिए इंश्योरेंस बेचा है. इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म का मतलब है एक ऐसा प्लेटफॉर्म जिसे इरडा के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है और इसके जरिए इंश्योरेंस पॉलिसीज बेची जा रही हैं.

ई-इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए प्रस्तावित बदलाव
इरडा (इंश्यूएंस ऑफ ई-इंश्योरेंस पॉलिसी) रेग्युलेश, 2022 में प्रस्तावित कुछ प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं. -इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से इंश्योरेंस के लिए आवेदन लेना और सर्विस देना.
-सभी आवेदनों के लिए लिए ई-इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करना.
-ई-इंश्योरेंस पॉलिसी होल्ड करने के लिए इलेक्ट्रॉविक इंश्योरेंस अकाउंट के इस्तेमाल को अनिवार्य करना.

आवेदन के दोनों विकल्प हो मौजूद
जो कोई भी पॉलिसी खरीदना चाह रहा है उसके पास पॉलिसी के लिए इलेक्ट्रॉनिक और फिजिकल दोनों तरीकों से आवेदन करने का विकल्प होना चाहिए. हर इंश्योरेंस कंपनी को एक ई-प्रपोजल फॉर्म भी रखना चाहिए जो फिजिकल प्रपोजल फॉर्म के समान ही हो. ग्राहक द्वारा जमा किया गया ई-प्रपोजल फॉर्म तभी मान्य होना चाहिए जब उसमें डिजिटल सिग्नेचर या फिर आधार आधारित ओटीपी के माध्यम से ई-सिग्नेचर हुए हों.