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कंपनियों का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ से अधिक बढ़ा, किसे हुआ सर्वाधिक मुनाफा

कंपनियों का मार्केट कैप बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 1,01,043.69 करोड़ रुपये चढ़ गया. सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) रहीं. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 764.37 अंक या 1.33 प्रतिशत के लाभ में रहा. बुधवार को दशहरे के अवसर पर बाजार में अवकाश था.

समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 37,581.61 करोड़ रुपये चढ़कर 16,46,182.66 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. टीसीएस के बाजार मूल्यांकन में 22,082.37 करोड़ रुपये का उछाल आया और यह 11,21,480.95 करोड़ रुपये रहा. इन्फोसिस का मार्केट कैप 16,263.25 करोड़ रुपये बढ़कर 6,10,871.36 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई बैंक का 13,433.27 करोड़ रुपये के लाभ के साथ 6,14,589.87 करोड़ रुपये रहा.

इन कंपनियों को भी हुआ लाभ
एचडीएफसी का बाजार मूल्यांकन 6,733.19 करोड़ रुपये बढ़कर 4,22,810.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 4,623.07 करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 7,96,894.04 करोड़ रुपये रहा. बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण 326.93 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4,44,563.66 करोड़ रुपये रहा.

इन्हें हुआ घाटा
इस रुख के उलट हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 23,025.99 करोड़ रुपये के नुकसान से 6,10,623.53 करोड़ रुपये रह गया. भारती एयरटेल के मार्केट कैप में 3,532.65 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 4,41,386.80 करोड़ रुपये रह गया. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का बाजार मूल्यांकन 624.73 करोड़ रुपये के नुकसान से 4,73,316.78 करोड़ रुपये पर आ गया.

रिलायंस इंडस्ट्रीज लगातार शीर्ष पर
शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही. उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसबीआई, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल और एचडीएफसी का स्थान रहा.

पिछले हफ्ते 1 फीसदी से अधिक बढ़ा बाजार
बीते कारोबारी हफ्ते में सेंसेक्स 1.33 फीसदी और निफ्टी 1.28 फीसदी के लाभ में रहा. सेंसेक्स 58191 और निफ्टी 17314 के स्तर पर बंद हुआ. वैश्विक बाजारों के मिले-जुले संकेत, एफआईआई के बढ़ते निवेश ने भारतीय बाजारों को सपोर्ट किया. हालांकि, इस दौरान रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया लेकिन इसका निवेशकों पर कोई बहुत अधिक असर देखने को नहीं मिला. आखिरी सत्र में एफआईआई ने जरूर 36 करोड़ रुपये की बिक्री की लेकिन उससे पहले तीन सत्रों में विदेशी निवेशक नेट खरीदार बनकर उभरे थे. वहीं, अंतिम सत्र में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1024 करोड़ रुपये की खरीदारी की.