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अक्टूबर में जमकर बरस रहे बादल, मॉनसून नहीं तो क्या है कारण? जानें इसकी असली वजह

देश के कई हिस्सों में अक्टूबर के महीने में भी भारी और लगातार बारिश हो रही है. आगरा हो या दिल्ली, भोपाल हो या लखनऊ हर जगह सड़कें पानी से लबालब है. वहीं रविवार को दिल्ली ने 2007 के बाद से अक्टूबर में एक दिन में दूसरी सबसे अधिक बारिश दर्ज की, क्योंकि शहर में 24 घंटे के अंतराल में 74 मिमी बारिश हुई थी. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में और भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.

मौसम एजेंसी के नए पूर्वानुमान में अगले पांच दिनों के दौरान तमिलनाडु और रायलसीमा में और अगले दो दिनों के दौरान आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में भी भारी बारिश जारी रहने की संभावना जताई है. लेकिन आप यह सोच रहे हैं कि मॉनसून (Monsoon) के कारण अक्टूबर में इतनी बारिश हो रही है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.

तेज बारिश का यह है कारण
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में मौजूदा बारिश मॉनसून की बारिश नहीं है, तो इतनी तेज बारिश क्यों हो रही है? उत्तरी भारत के कई हिस्सों में दर्ज की जा रही बारिश एक पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) का परिणाम है, जो मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल (Troposphere) स्तरों में एक ट्रफ के रूप में बन गई है. ट्रफ रेखा 64 डिग्री पूर्व से 25 डिग्री उत्तर में चलती है और एक चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) दक्षिण हरियाणा और इसके आस-पास निचले क्षोभमंडल स्तर पर स्थित है.

क्या है क्षोभमंडल
क्षोभमंडल वायुमंडल की सबसे निचली परत है, जो समुद्र तल से 10 किलोमीटर ऊपर फैली हुई है. इसे अधिकांश बादलों का घर कहा जाता है, जिसमें वर्षा वाले निंबस बादल भी शामिल होते हैं. पश्चिमी विक्षोभ का चक्रवाती परिसंचरण के साथ संपर्क से बिहार, यूपी और उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है.

वहीं ट्रफ के कारण उत्तराखंड, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिन के दौरान और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 11 अक्टूबर को गरज के साथ भारी बारिश होने की संभावना है. इससे पहले पूर्वी हवाओं ने अरब सागर से नमी लेकर दिल्ली से लेकर पूर्वी राजस्थान तक एक और ट्रफ रेखा खींची थी. इस कारण पिछले एक हफ्ते में भारी बारिश हुई है.

यहां होगी बारिश
IMD के नए अपडेट में बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा उत्तरकाशी, नजीबाबाद, आगरा, ग्वालियर, रतलाम, भरूच से होकर गुजरती है. अगले 4-5 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों से वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है. इस वायुमंडलीय घटना के कारण पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और तमिलनाडु में भी बहुत भारी वर्षा की संभावना है.