त्योहारी सीजन के मौके पर बाजारों में फेस्टिव सेल (Festive Sale) की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में अगर आप बाजार में सामान खरीदते समय कैरी बैग (Carry Bag) खरीदते हैं और उसके लिए आपको चार्ज देना पड़ता है तो यह खबर आपके लिए है. बता दें कि दो साल के बाद फेस्टिव सीजन सेल को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. अमेजन और फ्लिपकार्ट (Amazon and Flipkart) जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां ऑनलाइन शॉपिंग की शुरुआत कर दी है. ऐसे में इन कंपनियों के तमाम ऑफर्स और फायदों के बीच उपभोक्ताओं (consumers) को सतर्क रहने की भी विशेष जरूरत है. मोदी सरकार का नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 (Consumer Protection Act 2019) त्योहारी सीजन में ग्राहकों को काफी मजबूती प्रदान करेगा.
देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें कंज्यूमर फोरम (consumer forum) ने बिग बाजार (Big Bazaar) जैसी कंपनियों पर ग्राहक से कैरी बैग के लिए अलग से पैसे वसूलने पर जुर्माना लगाया है. दो साल पहले ही फोरम ने बिग बाजार को एक मामले में 10,000 रुपये कंज्यूमर लीगल एड अकाउंट में जमा करवाने के साथ शिकायतकर्ता को 500 रुपये केस खर्च देने का आदेश दिया था. इसके साथ ही शिकायतकर्ता को हुई मानसिक परेशानी के लिए 1 हजार रुपये और कैरी बैग के लिए वसूले गए 18 रुपये भी वापस करने के लिए कहा था.
क्या है उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019
मोदी सरकार ने देश के उपभोक्ताओं को आज से कई अधिकार दे दिए हैं. पूरे देश में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू है. इस कानून में दुकानदारों पर लगाम कसा गया है. नए कानून के मुताबिक अगर दुकानदार कैरी बैग का चार्ज वसूलता है और उपभोक्ता अगर उसकी शिकायत दर्ज कराता है तो इस पर कार्रवाई होगी. कैरी बैग के लिए अतिरिक्त पैसा लेना नए कानून में दंडनीय हो गया है.
यहां कर सकते हैं आप शिकायत
बता दें कि अब कोई भी ग्राहक सामान खरीदने के बाद कैरी बैग का डिमांड करता है तो उसके लिए पैसे नहीं देने पड़ेंगे. दूसरी बात यह भी है कि अगर वह ग्राहक सामान हाथ में ले जाने में सक्षम नहीं है तो दुकानदार को कैरी बैग देना ही पड़ेगा. इसको लेकर देश के कई उपभोक्ता फोरम में शिकायतें आ रही थीं, जिसके बाद उपभोक्ता फोरम ने कैरी बैग के पैसे लेने पर स्टोर या दुकानदार पर जुर्माना लगाना शुरू किया था. अब नए कानून में इसको लेकर सख्त प्रावधान किए गए हैं.