भारतीय शेयर बाजारों (Indian Stock Markets) में विदेशी निवेशक अपना इन्वेस्टर (Foreign Investors) अपना पैसा वापस निकल रहे हैं. आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) ने अक्टूबर माह में अब तक भारतीय बाजारों से करीब 6,000 करोड़ रुपये की निकासी की है.
क्या है वजह
आपको बता दे कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है. जिससे इस निकासी को बल मिल रहा है. साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) ने वर्ष 2022 के कैलेंडर साल में अब तक कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर ली है.
घरेलू निवेशकों से मिला सपोर्ट
डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने अक्टूबर में अब तक 5,992 करोड़ रुपये की निकासी भारतीय बाजार से कर ली है. पिछले कुछ दिनों में उनकी निकासी की मात्रा में थोड़ी गिरावट आई है. एफपीआई की बिकवाली के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों के खरीदार बने रहने से शेयर बाजारों को मजबूती मिल रही है.
शेयरों की हुई सर्वाधिक बिक्री
एफपीआई ने सितंबर माह में भारतीय बाजारों से करीब 7,600 करोड़ रुपये की निकासी की थी. डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सख्त रुख से एफपीआई के बीच बिकवाली का जोर रहा था. एफपीआई ने खास तौर पर वित्त, एफएमसीजी और आईटी क्षेत्रों में बिकवाली की है. इक्विटी बाजारों के अलावा विदेशी निवेशकों ने ऋण बाजार से भी अक्बूटर में 1,950 करोड़ रुपये की निकासी की है.
क्या है वजह
आपको बता दे कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है. जिससे इस निकासी को बल मिल रहा है. साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) ने वर्ष 2022 के कैलेंडर साल में अब तक कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर ली है.
घरेलू निवेशकों से मिला सपोर्ट
डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने अक्टूबर में अब तक 5,992 करोड़ रुपये की निकासी भारतीय बाजार से कर ली है. पिछले कुछ दिनों में उनकी निकासी की मात्रा में थोड़ी गिरावट आई है. एफपीआई की बिकवाली के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों के खरीदार बने रहने से शेयर बाजारों को मजबूती मिल रही है.
शेयरों की हुई सर्वाधिक बिक्री
एफपीआई ने सितंबर माह में भारतीय बाजारों से करीब 7,600 करोड़ रुपये की निकासी की थी. डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सख्त रुख से एफपीआई के बीच बिकवाली का जोर रहा था. एफपीआई ने खास तौर पर वित्त, एफएमसीजी और आईटी क्षेत्रों में बिकवाली की है. इक्विटी बाजारों के अलावा विदेशी निवेशकों ने ऋण बाजार से भी अक्बूटर में 1,950 करोड़ रुपये की निकासी की है.
इन कंपनियों का बढ़ा मार्केट कैप
आपको बता दे कि सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से 8 कंपनियों के मार्केट कैप में 2,03,335.28 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इसमें सर्वाधिक लाभ रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ है. रिलायंस का मार्केट कैप 68,296.41 करोड़ रुपये बढ़कर 16,72,365.60 करोड़ रुपये हो गया है. साथ ही एसबीआई (30,120.57 करोड़ रुपये) और आईसीआईसीआई बैंक (25,946.89 करोड़ रुपये) का स्थान है.