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सूर्यास्त के साथ ही खत्म हो गया साल का आखिरी सूर्यग्रहण, पूर्वोत्तर में नहीं आया नजर

देश के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण देखा गया और खगोल विज्ञान प्रेमियों ने चंद्रमा द्वारा सूर्य के प्रकाश दायरे को ढक देने के इस आकाशीय नजारे को टकटकी लगा कर बड़ी रुचि के साथ देखा. आंशिक सूर्य ग्रहण देश के कई हिस्सों में देखा गया. श्रीनगर में सूर्य का अधिकतम धुंधलापन 55 प्रतिशत देखा गया. दिल्ली में ग्रहण की शुरुआत शाम 4:29 बजे हुई. यह ग्रहण शाम में लगा, इसलिए इस खगोलीय घटना का अंत दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह सूर्यास्त के बाद होगा. बता दें कि लखनऊ, चंडीगढ़, चेन्नई, भोपाल, अमृतसर, कुरुक्षेत्र सहित कई शहरों में सूर्य ग्रहण देखने को मिला.

अधिकारियों ने कहा, ‘सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और जब तीनों आकाशीय पिंड एक रेखा में आ जाते हैं. आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेता है.’ सरकारी अधिकारियों ने आगाह किया है कि ग्रहण वाले सूर्य को नंगी आंखों से कतई नहीं देखना चाहिए, यहां तक ​​कि बहुत कम समय के लिए भी नहीं क्योंकि इससे अंधापन हो सकता है. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए किसी सुरक्षित तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए. सूर्य ग्रहण के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने कुरुक्षेत्र के पवित्र सरोवरों में स्नान किया.

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने सूर्य ग्रहण के दौरान आयोजित मेले के मद्देनजर पांच लाख से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था की थी. कुरुक्षेत्र में शाम 4.27 बजे से शाम 5.39 बजे के बीच ग्रहण रहा. हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कुरुक्षेत्र के पवित्र सरोवरों में स्नान करना शुभ माना जाता है. उत्तर प्रदेश से आए एक तीर्थयात्री रमेश कुमार ने कहा, ‘सूर्य ग्रहण के दौरान यहां के पवित्र सरोवरों में डुबकी लगाने का विशेष महत्व है। इस अवसर पर यहां आना मेरा सौभाग्य है.’ इस बीच, साधु-संत पवित्र ब्रह्म सरोवर पहुंचे और वहां हवन किया गया.