अक्टूबर 2019 में बीआरओ यानी बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने पूर्वी लद्दाख में 256 किलोमीटर लंबी सड़क बनाकर अक्सई चिन तक भारतीय सेना की पहुंच को आसान बना दिया. इस रोड को डीएसडीबीओ यानी दुरबुक श्योक दौलत बेग ओल्डी रोड नाम दिया गया, जो दुरबुक से शुरू होकर श्योक गांव होते हुए दौलत बेग ओल्डी तक जाती है. इस सड़क ने चीन को इस कदर परेशान कर दिया कि उसे उस सड़क पर ताक झांक के लिए गलवान तक आना पड़ा और फिर पूर्वी लद्दाख में तनाव व विवाद का दौर शुरू हुआ. इसी रोड के चलते भारतीय सेना ने अपनी तैनाती को उस इलाके में कम समय में बढ़ा दिया, लेकिन इस रोड में एक कड़ी जो अधूरी थी और उसका काम युद्धस्तर पर जारी था वो भी अब पूरा कर लिया गया है. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद उस ब्रिज पर जाकर उसे देश को समर्पित किया.
अब ये कहना गलत नहीं होगा कि अक्सई चिन के दरवाजे तक अब भारतीय सेना के टैंक और भारी भरकम सैन्य साजो सामान आसानी से पहुंच सकेंगे. इस ब्रिज को नाम दिया गया है श्योक सेतु. ये श्योक सेतु क्लास 70 है. यानी अब इस सेतु से 70 टन वजनी टैंक और अन्य भारी भरकम सैन्य साजो सामन आसानी से पहुंच दौलत बेग ओल्डी तक पहुंच सकेंगे. इस ब्रिज की लंबाई 120 मीटर है. इससे पहले इस जगह से श्योक नदी को पार करने के लिए हल्के क्लास का बेली ब्रिज था, जिस से एक बार में एक ही सैन्य ट्रक निकल सकता था. अब इस नए श्योक सेतु से धड़ल्ले से तेज रफ्तार से सेना के ट्रक मूव कर सकते हैं.
अक्सई चिन से दूसरा जी 695 हाईवे बनाने की तैयारी शुरू
भारत के डीएसडीबीओ रोड के चलते अक्सई चिन तक भारत से पहुंच आसान होने के खौफ के बाद उसने नया हाईवे जी 695 हाइवे बनाने की तैयारी कर ली है. अक्सई चिन से ये दूसरा हाईवे एलएसी के बेहद करीब से निकलेगा. चीन लगातार अपनी ताकत को एलएसी और एलओसी पर बढ़ाने के लिए जी जान से जुटा है. चीन पीओके में पाकिस्तान की सड़कों की मरम्मत के काम को कर रहा है तो वहीं भारत ने भी अपनी तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. पिछले कुछ सालों में भारत ऑल वेदर स्ट्रेजिक रोड निर्माण को तेजी से आगे बढ़ा रहा है और सीमा तक पहुंचने वाली सड़कों की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए नए ब्रिज भी तैयार कर रहा है.
बीआरओ ने 75 प्रोजेक्ट किए पूरे
इसी फेहरिस्त में बीआरओ ने नए 75 प्रोजेक्ट पूरे किए जिन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश को समर्पित किया. इन प्रोजेक्ट में 45 ब्रिज, 27 रोड, 2 हेलीपैड और एक जीरो कार्बन हैबिटेट शामिल है. अगर ब्रिज की बात करें तो सबसे ज्यादा 12 ब्रिज जम्मू-कश्मीर में, 7 लद्दाख, 3 हिमाचल, 6 उत्तराखंड, 2 सिक्किम और 13 अरुणाचल प्रदेश में हैं. सड़कों की बात करें तो 6 रोड राजस्थान में, 1 पंजाब, 7 जम्मू-कश्मीर, 8 लद्दाख, 2 सिक्किम और 4 अरुणाचल प्रदेश में हैं. इसके अलावा 2 हेलीपैड पूर्वी लद्दाख में हानले और थाकुंग में बनाए गए हैं और एक जीरो कार्बन जोन भी लद्दाख में स्थापित किया गया है.