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नए संसद भवन को दिया जा रहा फिनिशिंग टच, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया निरीक्षण

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को नए संसद भवन के निर्माण कार्य की समीक्षा की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज नए संसद भवन में चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा की. काम अपनी गति से चल रहा है. भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित स्थापत्य कला के साथ टिकाऊ अत्याधुनिक इमारत…आधुनिकता और परंपरा का संगम.’ इससे एक दिन पहले हरदीप सिंह पुरी ने ’15वें अर्बन मोबिलिटी इंडिया (यूएमआइ) सम्मेलन और एक्सपो’ का उद्घाटन करने के बाद बताया कि न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग प्रोजेक्ट पर 4,000 से अधिक लोग चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.

इस सवाल पर कि क्या परियोजना तय समय सीमा में पूरा होगी, उन्होंने कहा, ‘मैं हर सप्ताह वहां (निर्माण स्थल) जाता हूं. काम बहुत तेज गति से चल रहा है. परियोजना के पूरा होने को लेकर तारीख के बारे में घोषणा करना सरकार पर निर्भर है.’ बता दें कि नए संसद भवन के निर्माण की परियोजना नवंबर तक पूरी होनी है. दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी, जिसमें आधुनिक सुविधाएं होंगी. टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड भवन का निर्माण कर रहा है. इमारत का सिविल कार्य लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन फिनिशिंग टच, इलेक्ट्रिकल समेत कई दूसरे काम इस साल के अंत तक जारी रह सकते हैं.

सूत्रों ने बताया कि भवन के निर्माण के साथ फर्नीचर, कालीन, दीवार पर भित्ति चित्र और अन्य चीजें बनाने का काम चल रहा है. इस समय सही तारीख बता पाना मुश्किल है. इसलिए पुराने भवन में होने वाले शीतकालीन सत्र से इनकार नहीं किया जा सकता है. अधिकारियों को भरोसा है कि फरवरी 2022 में होने वाले बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक नए भवन में होगी. संसद परिसर में निर्माण कार्य के चलते इसके कई प्रवेश और निकास द्वार बंद हैं. नया त्रिकोणीय संसद भवन सेंट्रल विस्टा देश के पावर कॉरिडोर की पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है.

इस परियोजना में एक साझा केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री का नया आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय और नए उपराष्ट्रपति एन्क्लेव सहित कई चीजों की परिकल्पना की गई है. भवन पूरी तरह से सुसज्जित होने के बाद भी संसद सत्र के सुचारू संचालन और सांसदों को सभी सहायता सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों को परिचित और प्रशिक्षित करने के लिए लगभग 15-20 दिन चाहिए. इसके लिए लोकसभा सचिवालय, राज्य सभा सचिवालय, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, आईटीडीसी और हाउस कीपिंग स्टाफ के लिए मॉक ड्रिल और अभ्यास का आयोजन किया जाएगा.