भारतीय रेलवे पांचवीं वंदेभारत ट्रेन चलाने जा रहा है. यह ट्रेन आईसीएफ कोच फैक्ट्री से बाहर आ चुकी है. इसका रूट और संचालन की डेट भी तय हो गयी है. संभावना है कि आज से इसका रूट ट्रायल भी शुरू हो जाएगा. यह ट्रेन बेंगलुरु-मैसूर-चेन्नई के बीच चलाई जाएगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 नवंबर को झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना करेंगे.
मौजूदा समय देश में चार वंदेभारत ट्रेनों का सफल संचालन हो रहा है. जो अलग-अलग रूटों पर चल रही हैं. पांचवीं ट्रेन इसीलिए खास है, क्योंकि इसका संचालन दक्षिण भारत में किया जाएगा. यह ट्रेन दक्षिण भारत की पहली ट्रेन होगी. रेलवे मंत्रालय के अनुसार छठवीं ट्रेन भी दक्षिण भारत में चलाई जाएगी. जिससे दक्षिण के लोगों भी सेमी हाई स्पीड ट्रेन से सफर का आनंद उठा सकें.
बेंगलुरु से चेन्नई की दूरी करीब 500 किलोमीटर है. इस ट्रेन का संचालन भी पूर्व वंदेभारत की तरह किया जाएगा. यानी सुबह चलकर शाम तक लौट आएगी. व्यक्ति एक शहर से दूसरे शहर सुबह जाकर शाम को घर लौट सकता है. यह ट्रेन महज 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है.
इन रूटों पर चल रही है वंदे भारत
देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन यानी वंदे भारत एक्सप्रेस वर्तमान में चार रूटों पर चल रही है. पहली वंदेभारत नई दिल्ली-वाराणसी के बची चली. दूसरी नई दिल्ली-श्री वैष्णो देवी माता, कटरा, तीसरी गांधीनगर से मुंबई और चौथी नई दिल्ली से अंब अंदौरा स्टेशन हिमाचल के बीच चल रही है.
वंदे भारत ट्रेन की खासियत
नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पिछली ट्रेनों के मुकाबले हल्की है. सभी वंदे भारत ट्रेनें पूरी तरह से वातानुकूलित हैं और उनमें स्वचालित दरवाजे हैं. वंदे भारत ट्रेन के चेयर को 180 डिग्री तक रोटेट किया जा सकता है. ट्रेन में जीपीएस आधारित इंफॉर्मेशन सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम टॉयलेट हैं. इसमें पावर बैकअप की भी व्यवस्था है. यह ट्रेन सुरक्षा कवच से लैस है. नई वंदे भारत एक्सप्रेस में 2 कोच ऐसे हैं, जिनसे पूरी ट्रेन पर नजर रखी जा सकेगी. इसमें पुश बटन स्टॉप की सुविधा भी दी गई है. किसी भी आपात स्थिति में ट्रेन को एक बटन दबाकर रोका जा सकता है