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तो कट जाएगा 25 हजार का चालान और होगी 3 साल की जेल, संभल जाएं और पढ़ें ये खबर

इन दिनों ट्रैफिक पुलिस और खासकर दिल्ली एनसीआर में ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों को लेकर काफी सख्ती दिखा रही है. ऐसे में यदि आपके घर पर भी नॉन गियर्ड व्हीकल या मोटरसाइकिल है और उन्हें आपके बच्चे घर के आसपास भी चलाते हैं तो सावधान हो जाएं. ट्रैफिक पुलिस अब ऐसे इलाकों में भी नजर रख रही है जहां पर ज्यादा भीड़ नहीं होती और लोग अपने बच्चों को स्कूटर और मोटरसाइकिल चलाने के लिए दे देते हैं. यदि ऐसा करते आपके बच्चे ट्रैफिक पुलिस की पकड़ में आते हैं तो आपके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.

ऐसा करते मिलने पर आपके व्हीकल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा, 25 हजार का चालान होगा, साथ ही 3 साल की जेल भी हो सकती है. इतना ही नहीं गाड़ी चला रहे नाबालिग पर भी किशोर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.

क्यों हुई पुलिस सतर्क
आम रास्तों या कहें वे रास्ते जहां पर ट्रैफिक ज्यादा होता है और कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस तैनात रहती है उन रास्तों पर तो नाबालिगों के गाड़ी चलाने के मामले कम ही सामने आते हैं. लेकिन पुलिस को लगातार ये शिकायत मिल रही थी कि नाबालिग बच्चे कॉलोनी की गलियों और आसपास के इलाकों में टू व्हीलर और फोर व्हीलर चला रहे हैं, कई बार ये हादसों का सबब भी बन रहे हैं. लगातार मिल रही शिकायत के बाद पुलिस ने दिल्ली एनसीआर की गलियों में भी अब चेकिंग शुरू कर दी है और ऐसे नाबालिगों को पकड़ कर कार्रवाई की जा रही है.

बड़ी संख्या में कट रहे चालान
दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस लगातार बड़ी संख्या में लोगों के चालान काट रही है. इसमें सबसे ज्यादा संख्या पीछे की सीट बेल्ट का न लगाना, पीयूसी सर्टिफिकेट का न होना, नाबालिगों के गाड़ी चलाना और रॉन्ग साइड में गाड़ी चलाने को लेकर हैं. पुलिस के अनुसार लगातार हो रहे ट्रैफिक उल्लंघनों और उनके चलते होने वाली समस्याओं को खत्म करने के लिए पुलिस ने अब सतर्कता बढ़ा दी है और लोगों के चालान काटे जा रहे हैं.

ऑनलाइन चेक करें चालान
अब वाहन चालक गाड़ी का चालान हुआ है या नहीं ये ऑनलाइन भी चेक कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें https://echallan.parivahan.gov.in पर लॉगिन करना होगा. यहां पर अपनी गाड़ी का नंबर या आरसी नंबर डाल कर वे अपने चालान को चेक कर सकते हैं और जुर्माना भी ऑनलाइन ही भर सकते हैं. हालांकि सजा के प्रावधान जिन मामलों में हैं उसके लिए संबंधित आरटीओ और कोर्ट प्रक्रिया का पालन करना होगा.