किसानों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी पीएमएफबीवाई (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana- PMFBY) में बदलाव किया जा सकता है. इस बात की जानकारी कृषि सचिव मनोज आहूजा ने गुरुवार को दी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि हाल के जलवायु संकट और टेक्नोलॉजी के तेजी से विकास के मद्देनजर सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के फायदे के लिए बदलाव करने को तैयार है.
मौसम अनिश्चितताओं के उदाहरण बढ़े
यह ध्यान देने योग्य है कि 2022 में महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब में अत्यधिक बारिश के साथ चरम जलवायु देखने को मिली, जबकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में कम बारिश हुई, जिससे अंततः धान, दलहन और तिलहन जैसी फसलों को नुकसान पहुंचा. हाल ही में, ऐसी मौसम अनिश्चितताओं के उदाहरण भी बढ़े हैं.
जलवायु आपदाओं से सीधे तौर पर प्रभावित होती है खेती
आहूजा ने बयान में कहा, ‘‘चूंकि खेती इस तरह की जलवायु आपदाओं से सीधे तौर पर प्रभावित होती है, इसलिए देश के कमजोर कृषक समुदाय को प्रकृति की मार से बचाना महत्वपूर्ण और बेहद जरूरी है.’’ उन्होंने कहा कि नतीजतन फसल बीमा की मांग बढ़ने की संभावना है और भारत में किसानों को पर्याप्त बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए फसल और ग्रामीण और कृषि बीमा उत्पादों के अन्य रूपों पर अधिक जोर देने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय हाल के जलवायु संकट और तेजी से तकनीकी विकास के जवाब में पीएमएफबीवाई में किसान-समर्थक बदलाव करने के लिए तैयार है.’’
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों या किसी भी तरह से फसल के खराब होने की स्थिति में इंश्योरेंस कवर प्रदान करना ताकि किसानों को आर्थिक घाटे की भरपाई हो जाए. इस योजना का लाभ फसल उगाने वाले पट्टेदार, जोतदार किसानों सहित सभी किसान उठा सकते हैं.