देश का फार्मा (औषधि) निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 4.22 प्रतिशत बढ़कर 14.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया. निर्यात में यह वृद्धि पिछले महीने इसमें आई गिरावट के बावजूद हासिल हुई है. भारतीय औषधि निर्यात संवर्द्धन परिषद (फार्मेक्सिल) के महानिदेशक उदय भास्कर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में फार्मा निर्यात का आंकड़ा 27 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा. यह पिछले वित्त वर्ष में 24.62 अरब डॉलर रहा था. गौरतलब है कि फार्मेक्सिल वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाला संगठन है.
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में फार्मा निर्यात 13.98 अरब डॉलर रहा था. भास्कर ने समाचार एजेंसी भाषा से बातचीत में कहा, “वैक्सीन या टीके की श्रेणी में हमारे निर्यात की काफी खराब स्थिति है. इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भी निर्यात प्रभावित हुआ है. इसके बावजूद हमारा कुल फार्मा निर्यात बढ़ा है.” देश के कुल फार्मा निर्यात में 67.5 प्रतिशत या करीब पांच अरब डॉलर की हिस्सेदारी अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको (नाफ्टा देशों), यूरोप और अफ्रीका की रही है.
अक्टूबर में गिरा निर्यात
अक्टूबर में फार्मा निर्यात 5.45 प्रतिशत गिरकर 1.95 अरब डॉलर रहा है. वाणिज्य मंत्रालय के हाल जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर, 2022 में भारत का कुल निर्यात पिछले साल के समान महीने की तुलना में 16.65 प्रतिशत घटकर 29.78 अरब डॉलर रह गया है. अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान निर्यात में 12.55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 263.35 अरब डॉलर रहा है.
डॉलर की मजबूती का असर
भास्कर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण लगे प्रतिबंधों के अलावा कुछ प्रमुख देशों की मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी अक्टूबर के दौरान निर्यात में गिरावट आई है. उन्होंने बताया, “उदाहरण के लिए भारतीय फार्मा निर्यात के लिए नाइजीरिया शीर्ष पांच बाजारों में से एक है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नाइजीरियाई नायरा में निरंतर गिरावट ने उस देश का आयात धीमा किया है.” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल में ट्वीट कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत वैश्विक फार्मा बाजार की एक शक्ति बन गया है.