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अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को चीन, ईरान और रूस को गंभीर उल्लंघनों पर धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित किया है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्लिंकन ने एक बयान में कहा कि विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित देश अक्सर धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में शामिल होते हैं. इन देशों की सूची में चीन, रूस, ईरान के साथ म्यांमार और उत्तर कोरिया को भी शामिल किया गया है. वहीं अल्जीरिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोमोरोस और वियतनाम को निगरानी सूची में रखा गया है. प्राइवेट आर्मी रखने वाले वैगनर समूह को भी इस सूची में शामिल किया गया है. वैगनर एक निजी अर्धसैनिक संगठन है, जो सीरिया, अफ्रीका और यूक्रेन में सक्रिय है. इस अर्धसैनिक संगठन सहित कई समूहों को भी विशेष चिंता की संस्थाओं के रूप में नामित किया गया है. ब्लिंकन ने बताया कि वैगनर समूह को मध्य अफ्रीकी गणराज्य में अपनी गतिविधियों के लिए नामित किया गया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया भर में, सरकारें और गैर-सरकारी तत्व लोगों को उनके विश्वासों के आधार पर परेशान करते हैं, धमकी देते हैं, जेल में डालते हैं और यहां तक कि उन्हें मार भी देते हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को चीन, ईरान और रूस को गंभीर उल्लंघनों पर धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित किया है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्लिंकन ने एक बयान में कहा कि विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित देश अक्सर धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में शामिल होते हैं. इन देशों की सूची में चीन, रूस, ईरान के साथ म्यांमार और उत्तर कोरिया को भी शामिल किया गया है. वहीं अल्जीरिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोमोरोस और वियतनाम को निगरानी सूची में रखा गया है.

प्राइवेट आर्मी रखने वाले वैगनर समूह को भी इस सूची में शामिल किया गया है. वैगनर एक निजी अर्धसैनिक संगठन है, जो सीरिया, अफ्रीका और यूक्रेन में सक्रिय है. इस अर्धसैनिक संगठन सहित कई समूहों को भी विशेष चिंता की संस्थाओं के रूप में नामित किया गया है. ब्लिंकन ने बताया कि वैगनर समूह को मध्य अफ्रीकी गणराज्य में अपनी गतिविधियों के लिए नामित किया गया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया भर में, सरकारें और गैर-सरकारी तत्व लोगों को उनके विश्वासों के आधार पर परेशान करते हैं, धमकी देते हैं, जेल में डालते हैं और यहां तक कि उन्हें मार भी देते हैं.

ईरान में अल्पसंख्यकों का बुरा हाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि बहाई समुदाय ईरान में सबसे गंभीर रूप से उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों में से एक है. अमेरिका का मानना है कि ईरान में इस वर्ष धर्म के आधार पर गिरफ्तारियों में वृद्धि दर्ज हुई है. ईसाई धर्मान्तरित और नास्तिकों के साथ-साथ ईरान में सुन्नी मुसलमानों पर भी जुल्म किया जा रहा है. देश में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाली 22 वर्षीय कुर्द महिला महसा अमीनी की मौत के बाद से भड़की हिंसा में अब तक 300 से अधिक लोग मारे गए हैं और 14,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.