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एडवांस टैक्‍स भरने में बचे हैं सिर्फ 3 दिन, अगर चूके तो लगेगा जुर्माना, समय पर भरने के कई हैं फायदे

आयकर विभाग ने कर व्‍यवस्‍था को आसान बनाने और टैक्‍सपेयर्स की सहूलियत के लिए कई प्रावधान किए हैं. इसी में से एक है एडवांस टैक्‍स का भुगतान (Advance Income Tax Payment) करना, जिससे करदाता के साथ आयकर विभाग को भी आसानी होती है. किसी वित्‍तवर्ष में करदाता चार बार एडवांस टैक्‍स भरते हैं और इसे हर तिमाही की समाप्ति से 15 दिन पहले भर दिया जाना होता है. चालू वित्‍तवर्ष में तीसरी तिमाही का एडवांस टैक्‍स भरने की अंतिम तिथि अब सिर्फ 3 दिन बाकी है.

दरअसल, एडवांस टैक्‍स उन करदाताओं को भरना होता है जिनकी कुल टैक्‍स देनदारी किसी वित्‍तवर्ष में 10 हजार रुपये से ज्‍यादा की रहती है. इसका मकसद करदाताओं पर टैक्‍स देनदारी का एकमुश्‍त बोझ डालने के बजाए उसने किस्‍तों में टैक्‍स वसूलना रहता है. इसके लिए करदाता को खुद संबंधित वित्‍तवर्ष में अपनी टैक्‍स देनदारी की गणना करनी होती है और उसे चार बराबर हिस्‍सों में बांटकर हर तिमाही उसका भुगतान करना जरूरी है. चालू वित्‍तवर्ष की तीसरी तिमाही की किस्‍त 15 दिसंबर तक भर दी जानी चाहिए.

एक वित्‍तवर्ष में होती हैं चार किस्‍तें
एडवांस टैक्‍स जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि ये आपके टैक्‍स का अग्रिम भुगतान होता है. लिहाजा करदाता को खुद ही अपनी टैक्‍स देनदारी की गणना करके पूरे वित्‍तवर्ष में चार बार में अग्रिम कर का भुगतान करना होता है. इसकी पहली किस्‍त (अप्रैल-जून तिमाही) 15 जून से पहले जानी चाहिए. दूसरी किस्‍त (जुलाई-सितंबर तिमाही) 15 सितंबर से पहले, तीसरी किस्‍त (अक्‍टूबर-दिसंबर तिमाही) 15 दिसंबर से पहले और चौथी किस्‍त (जनवरी-मार्च तिमाही) 15 मार्च से पहले भरना होता है.

किसके लिए जरूरी और किसे मिलती है छूट
पेशेवर और बिजनेसमैन के लिए एडवांस टैक्‍स भरना जरूरी होता है. हालांकि, इन्‍हें तभी एडवांस टैक्‍स देना होगा जबकि इनकी कुछ टैक्‍स देनदारी पूरे वित्‍तवर्ष में 10 हजार रुपये से ज्‍यादा होगी. नौकरीपेशा और सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को एडवांस टैक्‍स भरने की जरूरत नहीं होती, क्‍योंकि उनका नियोक्‍ता पहले ही टीडीएस काटाकर सैलरी डिपॉजिट करता है. हालांकि, नौकरीपेशा को अगर बिजनेस, शेयर बाजार या अन्‍य निवेश से आमदनी होती है तो एडवांस टैक्‍स भरना होगा.
इसके अलावा 60 साल से अधिक उम्र वालों को भी एडवांस टैक्‍स से छूट रहती है. हालांकि, किसी पेशेवर के रूप में या बिजनेस से आमदनी पर उन्‍हें भी एडवांस टैक्‍स भरना होगा.