बिलासपुर। प्रयास प्रकाशन के तत्वावधान में संगीता मनीष बनाफर द्वारा लिखित काव्य-संग्रह ‘संगिनी’ का विमोचन एवं सम्मान-समारोह श्री अरुण दिवाकर नाथ बाजपेयी कुलपति, अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर के मुख्य आतिथ्य, न्यायमूर्ति श्री चंद्रभूषण बाजपेयी, पूर्व न्यायाधीश, उच्च न्यायालय एवं श्री रजनीश सिंह, विधयाक, बेलतरा के विशिष्ट आतिथ्य तथा वरिष्ठ समीक्षक एवं भाषाविद् डॉ. विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की अध्यक्षता में हॉटल सेंट्रल पॉइंट के सभागार में सोत्साह संपन्न हुआ । डॉ. बाजपेयी कुलपति ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा कि कविता तभी लिखी जाती है जब अंतःकरण में वेदना हो, संवेदना हो । संगीता जी की 181 कविताएँ विविध विषयों एवं संवेदना से परिपूर्ण हैं । कविता की गहराई को इन पंक्तियों के माध्यम से अभिव्यक्ति दी – “जिसने अवधारण कर सही प्रसव की पीर, उनके उर में बहती कविता बन कर नीर।“
अध्यक्षीय आसंदी से उद्बोधित उद्गार के उपक्रम में डॉ. विनय कुमार पाठक ने कहा कि संगीता बनाफर की कविताएँ मानवीयता का मान रखती हैं और मूल्यों का संधान भी करती हैं इसलिए ये अध्यात्म और संस्कृति की पीठिका पर जीवन की इंद्रधनुषी आभा को दीप्त भी करती हैं । डॉ. पाठक ने आगे कहा कि जन-जीवन से जुड़ी संगीता की कविताएँ संवेदना से संचरित होकर भी उद्देश्य को उपस्थित करने का उदाहरण बन जाती हैं । न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बाजपेयी ने जहाँ प्रयास प्रकाशन के इस गरिमामयी कार्यक्रम की प्रशंसा की, वहीं संगीता बनाफर की कविताओं पर सांगोपांग समीक्षा करते हुए संग्रह को महत्वपूर्ण निरुपित किया । श्री रजनीश सिंह विधायक ने इस आयोजन को आत्मीय और पारिवारिक निरुपित करते हुए ‘संगिनी’ काव्य-संग्रह के प्रकाशन पर कवयित्री को बधाई दी और साहित्यिक हलचल को जीवंत रखने हेतु प्रयास प्रकाशन और संबद्ध साहित्यकारों की सक्रियता की सराहना की ।
मंचासीन अतिथि अरविंद नारायण सिंह बनाफर, श्रीमती शोभा त्रिपाठी, रेखा सक्सेना पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इनरव्हील, जयश्री भट्टाचार्य, कमल नारायण कृषि महाविद्यालय जांजगीर, अनिता गुप्ता डिप्टी कमिश्नर रायपुर ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।
कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप-प्रज्जवलन के बाद अतिथियों के स्वागत से हुआ । स्वागत-भाषण देते हुए वरिष्ठ कवि व समीक्षक डॉ. ए. के. यदु ने जहाँ कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला, वहीं श्री रामनिहोरा राजपूत एवं श्री सुखेंद्र श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सरस बना दिया। ‘संगिनी’ के विमोचन के बाद कवयित्री संगीता बनाफर ने काव्य-यात्रा का उल्लेख करते हुए दो प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ किया | इसके बाद प्रयास प्रकाशन की ओर से जहाँ अतिथियों को शाल, श्रीफल, स्मृति-चिह्न और अभिनंदन पत्र भेंट कर कवयित्री संगीता का सम्मान किया, वहीं तुलसी साहित्य अकादमी, राष्ट्रीय कवि संगम, संस्कार भारती की ओर से डॉ. अनीता सिंह, अंजनी कुमार,
इनरव्हील, अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद, विकास संस्कृति , कपिल नाथ कश्यप जयंती समारोह समिति पदाधिकारियों द्वारा सम्मान किया गया
तथा अग्रहरि समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रोशन गुप्ता ने कवयित्री को पुष्प -गुच्छ देकर स्वागत किया । कार्यक्रम का संचालन डॉ. राघवेंद्र कुमार दुबे व आभार प्रदर्शन श्रीमती शोभा त्रिपाठी ने किया । कार्यक्रम में जिन गणमान्य लोगों की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही, उनमें सर्वश्री श्री बृजेश सिंह, विजय सिन्हा, सनत तिवारी, महेंद्र साहू, राजेश सोनार, अजय शर्मा, वेणु गोपाल, विवेक तिवारी, बल्लू झा, आरती दुबे, योगेश जाडिया, मनोहर दास मानिकपुरी, संतोष शर्मा, बालमुकुंद श्रीवास, बसंत शर्मा, रामनीहोरा राजपुत, बामन चंद्र दीक्षित, राजेंद्र मौर्य, धनेश्वरी सोनी, अंजनी कुमार, सुखेंद्र श्रीवास्तव, सीमा भट्टाचार्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे |