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DGGI की नशे के सौदागरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 53 लाख की तस्करी की देसी और विदेशी सिगरेट जब्त

डायरेक्ट्रेट ऑफ गुड्स एंड सर्विस टेक्स इंटेलिजेंस विभाग (DGGI) ने राजस्थान में नशे की तस्करी के खिलाफ छापे की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. डीजीजीआई ने छापे की इस कार्रवाई में देशी और विदेशी सिगरेटों का बड़ा जखीरा जब्त (Indigenous and Foreign Cigarettes Seized) किया है. खुफिया जानकारी के आधार पर डीजीजीआई ने जयपुर में एक साथ कई ठिकानों पर छापे मारे. छापे की इस कार्रवाई में 70 आयातित ई-सिगरेट और 2,64,000 आयातित सिगरेट जब्त की गई हैं. जब्त किए गए सामान में विदेशी सिगरेटों का भी बड़ा जखीरा शामिल है.

डीजीजीआई ने नशे के सौदागरों से विदेशी ब्रांड की कुल संख्या 2.14 लाख सिगरेटें जब्त की हैं. इन विदेशी सिगरेटों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 48 लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है. वहीं 50 हजार देशी सिगरेट की स्टिक भी जब्त की गई हैं. विभाग की इस कार्रवाई में 54 लाख रुपये से ज्यादा की देशी और विदेशी सिगरेटों को जब्त किया गया है. डीजीजीआई की ओर से जब्त की गई देशी-विदेशी नशे की खेप पर तस्करों की ओर से किसी तरह का कोई टैक्स का भुगतान नहीं किया गया था. यह जखीरा देखकर अधिकारी भी चौंक गए.

सीमा शुल्क अधिनियम-1962 के तहत जब्त किया पूरा जखीरा
नशे के कारोबारियों से इन ई-सिगरेट और देशी-विदेशी सिगरेटों के दस्तावेजों के बारे में पूछताछ करने पर वे कोई सबूत नहीं पेश कर पाए. लिहाजा इस जखीरे को सीमा शुल्क अधिनियम-1962 के तहत जब्त कर लिया गया है. आयातित सिगरेट में सीमा शुल्क अधिनियम के उल्लंघन के साथ तस्करी करने का मामला सामने आया है. इसलिए डीजीजीआई ने पूरा मामला आगे की कार्रवाई के लिए राजस्व खुफिया निदेशालय की जयपुर स्थित क्षेत्रीय इकाई को सौंप दिया है.

देसी पान मसाला, हुक्का फ्लेवर और लाइटर भी मिले
तलाशी के दौरान घरेलू सिगरेट की 50,000 स्टिक की कीमत 5 लाख रुपये बिना किसी चालान या दस्तावेज के वसूला जाना भी सामने आया है. इसके अलावा कुछ मात्रा में देसी पान मसाला, हुक्का फ्लेवर, लाइटर भी बिना चालान के बरामद हुए हैं. इस मामले की जांच जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय जयपुर जोनल यूनिट की ओर से की जा रही है. वह पूरे मामले की गहराई से जांच में जुटा है.