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अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार की मांग, हाईकोर्ट ने सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अग्निवीर योजना को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह उन 25% अग्निवीरों पर अपना रुख स्पष्ट करे, जिनके चार साल के कार्यकाल के विस्तार पर विचार किया जाएगा. अग्निपथ भर्ती योजना को चुनौती देने वाली दलीलों के एक बैच की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने यह बात कही. इसके बाद एक याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, “अग्निवीर योजना के अनुसार 4 साल बाद वे 25% भर्ती करेंगे और यह 25% अगले 4 साल के लिए रखे जाएंगे.”

योजना पर पुनर्विचार की मांग
अग्निवीर योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बैच की सुनवाई सोमवार को उच्च न्यायालय ने शुरू की. याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने तर्क दिया कि इस योजना में पेंशन के लिए कोई प्रावधान नहीं है, अग्निवीरों के पास प्रति माह 30,000 रुपये का पैकेज है और अंत में यह 40,000 होगा. याचिकाकर्ताओं ने योजना पर पुनर्विचार की मांग की है. याचिकाकर्ताओं द्वारा यह तर्क दिया गया कि योजना का आधार संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जर्मनी और चीन जैसे स्थानों से लिया गया है, जबकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जहां पेंशन न हो.

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि इन अग्निवीरों को 48 लाख रुपये का एलआईसी कवर मिलेगा, जो सेवा में बाकी सभी को मिलने वाले कवर से कम है. 4 साल बाद जब अग्निवीर अपनी नौकरी पूरी करते हैं, तो उसके बाद उन्हें कुछ नहीं मिलता है. याचिका में कहा गया है कि वे फ्रंट लाइन पर होंगे और उन्हें मिलने वाला मेडिकल कवरेज केवल 4 साल के लिए है.

न्यायालय ने पूछा, किस आधार पर दें पुनर्विचार का आदेश
न्यायालय में दलील दी गई कि जब योजना आई थी तो यह गृह मंत्रालय ने एक घोषणा की थी कि जिन लोगों को 4 साल बाद बाहर किया जाएगा. उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों में भी शामिल किया जाएगा, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है कि यह कैसे किया जाएगा. याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि वे किस आधार पर अदालत से केंद्र सरकार को योजना पर पुनर्विचार करने का निर्देश देने के लिए कह रहे हैं. इस पर न्यायालय से कहा गया कि कार्यकाल, अनिश्चितता, अवशोषण आदि के आधार पर पुनर्विचार की मांग की गई है.

अगली सुनवाई 14 दिसंबर को
एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि दूसरा पहलू यह है कि सैनिक अपने लोगों के लिए लड़ते हैं. याचिका में कहा गया है, “आप 10 साल तक यूनिट के साथ चलते हैं, आप सम्मान अर्जित करते हैं, और आप सम्मान के लिए लड़ते हैं, इस मामले में अपनेपन की भावना कैसे आएगी?” दलीलों पर ध्यान देने के बाद, पीठ ने केंद्र सरकार को 25% अग्निवीरों के कार्यकाल के विस्तार पर रुख स्पष्ट करने का निर्देश मांगने के लिए समय दिया और मामले को 14 दिसंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.