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गेहूं और चावल निर्यात में आया उछाल, घरेलू बाजार में दाम बढ़ने से किसानों को फायदा, आम आदमी की बढ़ी मुश्किलें

कृषि एवं प्रोसेस्ड खाद्य उत्पादों के निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में चालू वित्त वर्ष के छह महीनों (अप्रैल – सितंबर) के दौरान 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. गेहूं, चावल और दलहन फसलों सहित डेयरी उत्‍पादों और फल-सब्जियों के निर्यात में अच्‍छा उछाल आया है. गेहूं और चावल की मांग बढ़ने से इनके भाव भी तेज हो गए हैं. इससे जहां किसानों को फायदा हुआ है, वहीं आम लोगों का बजट ज्‍यादा दाम चुकाने से बिगड़ रहा है.

वाणिज्यिक सूचना तथा सांख्यिकी महानिदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि समग्र उत्पाद निर्यात अप्रैल – सितंबर 2022 के दौरान पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 1105.6 करोड़ डॉलर की तुलना में बढ़कर 1377 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया. कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने चालू वित्त वर्ष के छह महीनों के भीतर ही वित्त वर्ष 2022-23 के लिए निर्धारित कुल निर्यात लक्ष्य का 58 प्रतिशत हासिल कर लिया है. अनाज तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 29.36 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.

 

गेहूं निर्यात में 136 फीसदी उछाल
गेहूं के निर्यात ने चालू वित्त की दूसरी छमाही में 136 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई. गेहूं का निर्यात अप्रैल- सितंबर 2022-23 में बढ़कर 148.7 करोड़ डॉलर हो गया जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में यह 63 करोड़ डॉलर रहा था. अनाजों का निर्यात अप्रैल- सितंबर 2021-22 के दौरान 46.7 करोड़ डॉलर का रहा था, जबकि अप्रैल- सितंबर 2022-23 के दौरान यह बढ़कर 52.5 करोड़ डॉलर तक जा पहुंचा.

गेहूं निर्यात में 136 फीसदी उछाल
गेहूं के निर्यात ने चालू वित्त की दूसरी छमाही में 136 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई. गेहूं का निर्यात अप्रैल- सितंबर 2022-23 में बढ़कर 148.7 करोड़ डॉलर हो गया जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में यह 63 करोड़ डॉलर रहा था. अनाजों का निर्यात अप्रैल- सितंबर 2021-22 के दौरान 46.7 करोड़ डॉलर का रहा था, जबकि अप्रैल- सितंबर 2022-23 के दौरान यह बढ़कर 52.5 करोड़ डॉलर तक जा पहुंचा.