सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के नियमों में बदलाव कर दिया है. नए रूल लागू होने के बाद अब कुछ कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस नहीं मिलेगा. अगर कोई वेतनभोगी किराए के घर में रहता है, तो उसे हाउस रेंट अलाउंस मिलता है. एचआर पर टैक्स छूट भी मिलती है. हाउस रेंट अलाउंस सैलरी का अच्छा-खासा हिस्सा होता है.
वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के एचआरए के नियमों में बदलाव की जानकारी दी है. ऐसे में अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं, तो आपको जान लेना चाहिए कि अब आपको एचआरए लेने के लिए किन शर्तों का पालन करना होगा. नए नियमों के अनुसार अब अगर कर्मचारी दूसरे सरकारी कर्मचारी को दिए गए सरकारी आवास को शेयर करता है, तो वे एचआरए पाने के हकदार नहीं हैं.
अगर कर्मचारी के माता-पिता, बेटे या बेटी को केंद्र या राज्य सरकार, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और सेमी-गवर्मेंट ऑर्गनाइजेशन जैसे नगर निगम, पोर्ट ट्रस्ट, नेशनलाइज्ड बैंक, LIC आदि ने मकान अलॉट किया है और वह उसमें रह रहा है तो भी उसे अब हाउस रेंट अलाउंस नहीं मिलेगा.
पति या पत्नी को मिला है सरकारी आवास तो भी नहीं मिलेगा एचआरए
अगर सरकारी कर्मचारी के जीवनसाथी को ऊपर बताई गई किसी इकाई ने घर दिया है, और वह उस घर में रह रहा है या फिर किराए पर अलग रह रहा है तो भी अब उसे सरकार किराए का भुगतान नहीं करेगी.
क्या है एचआरए
एचआरए या हाउस रेंट अलाउंस एक कर्मचारी के वेतन का एक हिस्सा है जो नियोक्ता द्वारा किराए के आवास के लिए किए गए खर्च के लिए दिया जाता है. HRA क्लेम केवल वेतनीभोगी व्यक्ति ही कर सकता है. जिस घर में सैलरीड इंडिविजुअल रह रहा है वह किराए का होना चाहिए. खुद के घर में रहने पर इसका लाभ नहीं मिलता है. एचआरए तभी मिलता है जब रेंट सैलरी का 10 फीसदी से ज्यादा होता है.