2022 भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) के लिए मिला-जुला रहा. साल की शुरुआत में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण बाजार में गिरावट आई तो दिसंबर में जाते-जाते कोरोना के एक और नए वेरिंट के कारण बाजार बुरी तरह गिर गया. मार्च में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मार्केट गिरा तो इसके बाद महंगाई के चलते ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी से निवेशकों ने भारतीय बाजारों से पैसा निकाला. इन हालात के चलते बाजार में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले. ऐसे में कई निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा.
अगर आप भी उन निवेशकों की लिस्ट में शामिल हैं जिन्हें शेयर बाजार ने रिटर्न के लिहाज से निराशा किया या नुकसान उठाना पड़ा तो उन्हें इस साल 2023 में अपनी रणनीति को बदलने की जरुरत है ताकि पिछले वर्ष हुए नुकसान की भरपाई भी हो और कमाई भी हो जाए. आइये जानते मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह…
वैश्विक अस्थिरता के बीच भी संतुलित रहेंगे भारतीय बाजार
लाइव मिंट से बात करते हुए स्टैंडर्ड चार्टर्ड वेल्थ – इंडिया में इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स एंड स्ट्रैटेजी के हेड विनय जोसेफ ने बाजार पर अपना नजरिया रखा. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण हालात को देखते हुए, इंडियन इक्विटी मार्केट पर हमारा तटस्थ रुख है. हम मिड-कैप और स्मॉल-कैप इक्विटी की तुलना में अपेक्षाकृत बेहतर मैक्रो फंडामेंटल वाले लार्ज-कैप इक्विटी पर ज्यादा जोर देते हैं.
बॉन्ड और लार्ज-कैप इक्विटी में मिलने वाले अवसरों के माध्यम से अपनी आय को सुरक्षित करें.
फाइनेंशियल, सेक्टोरल रोटेशन और निवेश-आधारित सेक्टर में लंबे समय के लिए निवेश की योजना बनाएं.
डिफेंसिव सेक्टर में पैसा लगाकर इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता लाएं और उसे सुरक्षा दें.
वैकल्पिक रणनीतियों के माध्यम से पारंपरिक निवेश योजनाओं के अलावा अन्य क्षेत्रों में निवेश करें.