एयर इंडिया (AIR India) एक पैसेंजर द्वारा दूसरे यात्री पर पेशाब करने को लेकर चर्चा में हैं. इस मामले में एयरलाइन को डीजीसीए की ओर से नोटिस भी मिल चुके हैं. हालांकि, यात्रियों को एयर इंडिया की फ्लाइट में हो रही परेशानी नई बात नहीं है. ET ने डीजीसीए के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि प्रति 10,000 यात्रियों पर सबसे ज्यादा शिकायत एयर इंडिया के खिलाफ ही है. 10,000 में 1.7 यात्री किसी न किसी परेशानी के लिए एयरलाइन के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं. अगर चीजों को सुधारने के लिए टाटा समूह द्वारा सरकार से खरीदी गई इस एयरलाइन में कंपनी चाहे भी तो अभी एचआर पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं कर सकती है.
इसके लिए एयर इंडिया को मार्च तक का इंतजार करना ही पड़ेगा. दरअसल, अधिग्रहण के समझौते के अनुसार, कंपनी मार्च 2023 तक नई कर्मचारी नीति नहीं लागू कर सकती है. नई नीति लागू होने से संभव है कि कर्मचारियों की जवाबदेही और प्रदर्शन में बेहतरी देखने को मिल सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि मार्च के बाद एयर इंडिया नई नीतियों को लागू कर सकती है जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध होंगी. बता दें कि एयर इंडिया को डीजीसीए फिर 2 नोटिस जारी किए हैं. इसमें से एक नोटिस किसी पैसेंजर द्वारा अन्य यात्री के कंबल पर पेशाब करने और दूसरा नोटिस यात्री द्वारा टॉयलेट में सिगरेट पीने के लिए भेजा गया है. गौरतलब है कि ताजा घटना 26 नवंबर 2022 की है. यह न्यूयॉर्क से मुंबई आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट में घटित हुई. हालांकि, लगभग 1 महीने बाद मीडिया द्वारा इस घटना को उठाए जाने के बाद इस पर चर्चा शुरू हुई.
टाटा में नौकरी से जल्दी निकालने की नीति नहीं
ET को दिए बयान में कंपनी के अधिकारी ने कहा है कि टाटा भर्ती करके फिर नौकरी से निकाल देने वाले कल्चर को नहीं मानती है. उन्होंने कहा, “एयर इंडिया ने इसलिए ग्राहक-केंद्रित बर्ताव को बढ़ावा देने के लिए रिवॉर्ड बनाए हैं, ताकि किसी भी के लिए कर्मचारी अधिक जवाबदेह बन सकें. हमारा ध्यान किसी भी तरह के पक्षपात… को हटाने के लिए टाटा कोड ऑफ कंडट लागू करने पर है. एयर इंडिया ने कर्मचारियों के लिए नए सर्विस एग्रीमेंट भी डिजाइन किए हैं जिससे यह पता चलेगा कि जरूरी कार्य क्षेत्रों में कर्मचारियों का प्रदर्शन कैसा है.
डीजीसीए ने क्या कहा
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया से कहा है कि वह खराब बर्ताव वाले सभी यात्रियों का डाटाबेस तैयार करे. डीजीसीए ने इस मामले को इंटरनल कमिटी के पास भेजने का निर्देश दिया है. इंटरनल कमिटी सभी तथ्यों के आधार पर यह तय करेगी कि आरोपी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी है. संभव है कि उसके एयर इंडिया में उड़ान भरने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकता है.