केन्द्र सरकार पर्यावरण को लेकर गंभीर है. यही वजह है कि बजट में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को लेकर बजट में ऐलान किया है. इसके लिए राज्य ब्याज रहित लोन केन्द्र से ले सकते हैं. बजट में 50 हजार करोड़ का लोन राज्यों को देने की बात कही गयी है. यह लोन राज्यों में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था सुधारने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने के लिए भी दिया जाएगा.
सरकार पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंतित है. प्रदूषण बढ़ाने में पुराने वाहन भी बड़ा कारण है. यही वजह है कि बजट में पुराने वाहनों को स्क्रैप पोलिसी के तहत हटाने की बात कही गयी है. समय सीमा पूरी कर चुके वाहनों में सरकारी वाहन और एंबुलेंस भी हैं. राज्य सरकारें 50 हजार करोड़ के ब्याज रहित लोन का इस्तेमाल पुराने वाहनों को हटाने में किया जा सकता है.
इस संबंध में इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट वैभव डांगे ने बताया कि सरकार ट्रांसपोर्ट व्यवस्था सुधारने पर राज्यों पर जोर दे रही है. इसके लिए ट्रांसपोर्ट के वैकल्पिक साधनों को बढ़वा दिया जा रहा है. चाहे दिल्ली मेरठ के बीच चलने वाली आरआरटीएस, पर्वतमाला के तहत रोपवे, बायोफ्यूल को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है. लीथियम बैट्री का उत्पादन देश में शुरू करने की तैयारी है.
देश की 40 फीसदी आबादी अरबन इलाकों में रहती है. नगर निकाय वाले इन इलाकों के इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर भी बात कही गयी है.