विदेश में नौकरी करना भारतीय का सपना होता है और वहां कमाने गए ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल अक्सर आता होगा कि क्या भारत की तरह इन देशों में भी टैक्स जमा करना पड़ेगा. दुबई भी भारतीयों के पसंदीदा जगहों में आता है, जहां रहना और कमाई करना लोग पसंद करते हैं. इसका बड़ा कारण है कि दुबई में भुगतान दिरहम में किया जाता है, जो भारतीय मुद्रा के मुकाबले काफी ज्यादा होती है. लेकिन, यहां लगने वाला टैक्स भी इसी अनुपात में ज्यादा रहता है. पिछले दिनों संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने नया टैक्स सिस्टम लागू किया, जिसमें भारी छूट का ऐलान किया गया है.
यूएई की ओर से टैक्स पर जारी फेडरल डिक्री में कहा गया है कि अब छोटे बिजनेस करने वालों को बड़ी टैक्स छूट दी जाएगी. नया टैक्स नियम 1 जून, 2023 से लागू होगा. इसका फायदा न सिर्फ यूएई के नागरिकों को मिलेगा, बल्कि वहां कमाने गए भारतीयों को भी टैक्स छूट दी जाएगी. नए नियम के तहत अब टैक्स छूट का दायरा बढ़ाकर करीब 84 लाख रुपये कर दिया गया है.
किस पर होगा लागू
यूएई का नया टैक्स सिस्टम सिर्फ उन लोगों पर लागू होगा जो वहां बिजनेस से कमाई करते हैं. जो कर्मचारी वेतन पाते हैं, उनकी कमाई पर नया टैक्स सिस्टम लागू नहीं किया जाएगा. यह नियम दुबई में पहले से नौकरी कर रहे लोगों और वहां नौकरी की तलाश में जाने वाले लोगों दोनों पर ही लागू होगा, लेकिन सिर्फ वही लोग दायरे में आएंगे जो बिजनेस करते हैं. नए नियम के तहत बिजनेस से सालाना 3.75 लाख दिरहम यानी करीब 84 लाख रुपये तक की कमाई अब टैक्स के दायरे से बाहर रहेगी.
भारतीय नागरिक ध्यान दें
यूएई के नए टैक्स कानून में कॉरपोरेट टैक्स की छूट सिर्फ उसी बिजनेस पर लागू होगी जो क्वालिफाइंग फ्री जोन में आते होंगे. लिहाजा यहां जाने वाले भारतीय नागरिकों को पहले इस बारे में पूरी जानकारी कर लेनी चाहिए कि उनके द्वारा किया जाने वाला बिजनेस इस दायरे में आएगा या नहीं. जो बिजनेस इन शर्तों को पूरा करेंगे, उन्हें ही टैक्स से छूट दी जाएगी.
…तो यूएई की नागरिक बन जाएगी भारतीय कंपनी
नया टैक्स सिस्टम कहता है कि अगर कोई भारतीय कंपनी पूरी तरह यूएई से कंट्रोल की जाती है तो उसे वहां का नागरिक माना जाएगा. हालांकि, इस तरह के नियम को बहुत गौर से जानने की जरूरत है, क्योंकि इस पर दोहरे टैक्स की मार पड़ सकती है. लिहाजा ऐसे बिजनेस को यूएई और भारत के टैक्स कानून को बारीकी से समझने की जरूरत होगी.