मोदी सरकार (Modi government) के कार्यकाल में रेलवे (Indian Railway) अपनी यात्री सेवाओं (Passenger services) को विस्तार देने में प्रयासरत है. यात्रियों की सुरक्षा, ट्रेन की गति, कोच की डिजाइन और खान-पान के बाद अब रेलवे यात्रियों को संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था (Complete Medical Facilities) भी मुहैया कराने जा रही है. अब देश के बड़े रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में यात्रियों को फ्री में पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी. यात्रियों को ट्रेन में यात्रा करते वक्त सर्दी, जुकाम, बुखार, डीहाईड्रेशन जैसे बीमारी के साथ-साथ अब आपातकाल सुविधा, महिलाओं की डिलीवरी और हार्ट अटैक जैसे स्थितियों से भी निपटने की व्यवस्था होगी. रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में अब क्रिटिकल केयर यूनिट की तैनाती होगी.
बता दें कि पिछले दिनों ही रेलवे ने फैसला किया था कि यात्रियों को प्रारंभिक नहीं बल्कि संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी. अब तक ट्रेनों में सिर्फ प्राथमिक उपचार का ही प्रावधान था, लेकिन रेलवे ने यह व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के आदेश और एम्स दिल्ली के डॉक्टरों की एक टीम की अनुशंसा के बाद उठाया है. सांसदों की एक समिति ने भी इसको लेकर अनुशंसा जारी किया था.
यात्रियों को मुफ्त में मिलेगा इलाज
आने वाले दिनों में रेल मंत्रालय ने सभी स्टेशनों और यात्री गाड़ियों में जीवन रक्षक दवाओं, चिकित्सा उपकरणों के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेंडरों से लैस उपकरण रखने का आदेश जारी किया है. पिछले कुछ सालों से पटरी से लेकर ट्रेन के भीतर तक यात्रियों की सुरक्षा को लेकर तमाम दावे किए जा रहे थे, लेकिन दिल्ली से सटे साहिबाबाद की एक घटना के बाद रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है.
इस तरह की इमरजेंसी सुविधा भी स्टेशनों पर मिलेंगी
गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली से सटे साहिबाबाद स्टेशन पर एक गर्भवती महिला को उचित समय पर स्वास्थ्य संबंधी सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई. हालांकि, यात्रियों की मदद से महिला ने बेटी को जन्म दिया. इस तरह की कई घटनाओं ने रेलवे को ट्रेनों और स्टेशनों पर संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था शुरू करने को मजबूर किया.
सुप्रीम कोर्ट और डॉक्टरों की एक टीम की सिफारिश के बाद अब ट्रेन के भीतर स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर रेलवे प्रशासन की ओर से इंतजाम किए जाएंगे. अभी ट्रेन में किसी भी यात्री को अगर स्वास्थ्य से जुड़ी या कोई आपातकालीन स्थिति बनती है तो रेलवे स्टेशन के डॉक्टर यात्री की खराब स्थिति होने पर एंबुलेंस की व्यवस्था कर अस्पताल भेज देते हैं. आपात स्थिति के दौरान यात्री से किसी प्रकार का खर्च नहीं लिया जाता है. लेकिन, ट्रेन में यात्रा करते वक्त इस तरह के नियम सिर्फ किताबी नियम बनकर रह जाते हैं. हकीकत में रेलवे स्टेशनों पर डॉक्टरों की टीम नहीं होते हैं.